• अदालत ने कहा बिना अनुमति रैली करना अपराध है

इंडिया न्यूज, गांधीनगर। गुजरात के मेहसाणा में मजिस्ट्रेट अदालत ने गुरुवार को वडगाम विधायक जिग्नेश मेवाणी व नौ अन्य को जुलाई 2017 में पुलिस की अनुमति के बिना मेहसाणा शहर से रैली करने के लिए दोषी ठहराया। सभी दोषियों को तीन महीने की कैद और एक-एक हजार रुपये जुमार्ने की सजा सुनाई गई है।

अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट जे ए परमार की अदालत ने फैसला सुनाया और कहा कि रैली करना अपराध नहीं है, लेकिन बिना अनुमति के रैली करना अपराध है। अदालत ने यह भी कहा कि अवज्ञा को कभी बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है। दोषियों में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) की नेता रेशमा पटेल भी शामिल हैं।

जिग्नेश मेवानी को महेसाणा कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। उनको तीन महीने की सजा सुनाई गई है। इसके साथ-साथ एक हजार रुपये का जुमार्ना भी लगाया गया है। जिग्नेश मेवानी के साथ-साथ ठउढ नेता रेशमा पटेल और सुबोध परमार को भी तीन महीने की सजा सुनाई गई है। यह मामला बिना इजाजत रैली करने का है। कुल 12 लोगों को सजा हुई है।

पांच साल पुराने मामले में की कार्रवाई

जिस मामले में जिग्नेश मेवानी, रेशमा पटेल और सुबोध परमार को सजा सुनाई गई है वह करीब पांच साल पुराना है। इन्होंने साल 2017 में आजादी कूच रैली की थी। आरोप लगा कि ये रैली बिना इजाजत की गई थी। अब इसी मामले में महेसाणा कोर्ट ने इनको दोषी पाया है।

विधायक जिग्नेश मेवानी, एनसीपी की नेता रेशमा पटेल, सुबोध परमार पर रैली करके सरकारी नोटिफिकेशन का उल्लंघन करने का आरोप लगा था।

येे भी पढ़ें : पटियाला लॉ यूनिवर्सिटी के 122 छात्र COVID पॉजिटिव

ये भी पढ़ें :  Realme GT Neo 3 की पहली सेल आज, मिल रहा है 7000 रुपये का इंस्टैंट डिस्काउंट

हमें Google News पर फॉलो करे- क्लिक करे !

Connect With Us : Twitter | Facebook Youtube