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‘शराबियों को माफ कर दे सरकार’, जीतनराम मांझी ने उठाई मांग, शराबबंदी पर क्यों हुए आगबबूला!

Bihar liquor ban: जीतन राम मांझी ने कहा, "विधानसभा चुनाव से पहले सरकार को उन लोगों के लिए माफ़ी की घोषणा करनी चाहिए जो थोड़ी सी शराब पीने के आरोप में पकड़े गए या जिन पर मुकदमा दर्ज हुआ. पुलिस अपने पाप को छिपाने के लिए माफियाओं के बजाय छोटे शराबियों को गिरफ्तार कर रही है."

Written By: Ashish kumar Rai
Last Updated: September 11, 2025 18:46:46 IST

Jitan Ram Manjhi: केंद्रीय मंत्री और हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (HAM) प्रमुख जीतन राम मांझी ने बिहार में शराबबंदी कानून को लेकर एक बार फिर बड़ा बयान दिया है. बिहार विधानसभा चुनाव से पहले जीतन राम मांझी ने मांग की है कि सरकार शराब पीते पकड़े गए या जिन पर मुकदमा दर्ज हुआ है, उन्हें माफ़ कर दे. उन्होंने कहा कि पुलिस माफियाओं के बजाय छोटे उपभोक्ताओं को निशाना बना रही है, जो गलत है.

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जीतन राम मांझी ने कहा, “विधानसभा चुनाव से पहले सरकार को उन लोगों के लिए माफ़ी की घोषणा करनी चाहिए जो थोड़ी सी शराब पीने के आरोप में पकड़े गए या जिन पर मुकदमा दर्ज हुआ. पुलिस अपने पाप को छिपाने के लिए माफियाओं के बजाय छोटे शराबियों को गिरफ्तार कर रही है.” उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि शराबबंदी की तीसरी समीक्षा में यह स्पष्ट है कि शराब पीने या ले जाने वालों को पकड़ा नहीं जाना चाहिए. इसके बजाय, हज़ारों लीटर शराब बनाने और तस्करी करने वाले माफियाओं पर कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए. मांझी ने आगे कहा, “हम शराबबंदी के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन इसका गलत क्रियान्वयन चिंता का विषय है. पुलिस को माफियाओं पर नकेल कसनी चाहिए, न कि गरीबों और आम लोगों को परेशान करना चाहिए.”

शराबबंदी और राजनीतिक घमासान

बिहार में 2016 से लागू शराबबंदी कानून नीतीश कुमार सरकार की एक बड़ी पहल रही है, लेकिन इस पर विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. मांझी का यह बयान ऐसे समय आया है जब बिहार में विधानसभा चुनाव की तैयारियाँ ज़ोरों पर हैं. उनके इस बयान ने सत्तारूढ़ जेडीयू-बीजेपी गठबंधन और विपक्षी महागठबंधन के बीच एक नई बहस छेड़ दी है. विपक्ष, खासकर आरजेडी, पहले भी शराबबंदी को ‘विफल’ बताकर नीतीश सरकार पर हमला बोल चुका है. बता दें, मांझी ने पहले भी शराबबंदी की समीक्षा की माँग की थी और दावा किया था कि इस कानून की वजह से लगभग 4-5 लाख गरीब लोग जेल जा चुके हैं. उनके इस ताज़ा बयान ने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है.

शराबबंदी कानून की समीक्षा पर फिर से चर्चा

बता दें, 2022 में हुई समीक्षा के बाद कानून में कुछ ढील दी गई थी, जिसमें शराब पीने वालों पर जुर्माने का प्रावधान जोड़ा गया था. मांझी ने कहा, “सरकार अपनी नीति पर अमल करे और माफियाओं के खिलाफ सख्ती दिखाए. पुलिस हजारों लीटर शराब की तस्करी करने वालों के बजाय छोटे लोगों को क्यों गिरफ्तार कर रही है?” राज्य में शराबबंदी के बावजूद अवैध शराब की अवैध तस्करी और जहरीली शराब से मौतों की खबरें आए दिन सामने आती रहती हैं. हालिया वर्षों में सीवान, छपरा और गोपालगंज जैसे जिलों में जहरीली शराब से सैकड़ों लोगों की जान जा चुकी है. मांझी ने पहले भी दावा किया था कि “सफेदपोश लोग रात में शराब पीते हैं, लेकिन उन्हें कोई पकड़ता नहीं, जबकि गरीबों को जेल भेज दिया जाता है.”

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