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राष्ट्रपति मुर्मू ने दिलाई जस्टिस संजीव खन्ना को CJI की शपथ, बने देश के 51वें चीफ जस्टिस

BY: Shubham Srivastava • LAST UPDATED : November 11, 2024, 11:35 am IST
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राष्ट्रपति मुर्मू ने दिलाई जस्टिस संजीव खन्ना को CJI की शपथ, बने देश के 51वें चीफ जस्टिस

CJI Sanjiv Khanna Oath

India News (इंडिया न्यूज), CJI Sanjiv Khanna Oath :राष्ट्रपति भवन में आज 11 नवंबर को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने देश के नए जस्टिस संजीव खन्ना को पद की शपथ दिलाई है। इसके बाद जस्टिस खन्ना देश के 51वें चीफ जस्टिस बन गए हैं। जस्टिस संजीव खन्ना जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की जगह लेंगे, जो इसी रविवार को सेवानिवृत्त हुए हैं। नए CJI संजीव खन्ना का कार्यकाल 13 मई 2025 तक रहेगा। पीटीआई के मुताबिक केंद्र सरकार ने 24 अक्टूबर को जस्टिस खन्ना की नियुक्ति को आधिकारिक तौर पर अधिसूचित किया था। शुक्रवार को जस्टिस चंद्रचूड़ का सीजेआई के तौर पर आखिरी कार्य दिवस था और उन्हें सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट के जजों, वकीलों और कर्मचारियों ने भव्य विदाई दी। CJI के शपथ समारोह में पीएम मोदी भी पहुंचे।

जस्टिस संजीव खन्ना के द्वारा लिए गए ऐतिहासिक फैसले

जस्टिस संजीव खन्ना 18 जनवरी 2019 से सुप्रीम कोर्ट के जज के तौर पर अपनी सेवाएं दे रहे हैं। इस बीच वे कई ऐतिहासिक फैसलों का हिस्सा रहे हैं, जिसमें इलेक्टोरल बॉन्ड स्कीम को खत्म करना, अनुच्छेद 370 को हटाना, दिल्ली के पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल को अंतरिम जमानत देना और ईवीएम की पवित्रता बनाए रखना शामिल है। इसके अलावा जस्टिस संजीव खन्ना दिल्ली के एक प्रतिष्ठित परिवार से ताल्लुक रखते हैं। वे दिल्ली हाईकोर्ट के पूर्व जज जस्टिस देव राज खन्ना के बेटे और सुप्रीम कोर्ट के पूर्व चीफ जस्टिस एचआर खन्ना के भतीजे हैं। इसके मुताबिक, जस्टिस संजीव खन्ना हाईकोर्ट जज बनने से पहले तीसरी पीढ़ी के वकील थे।

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जजों के परिवार से आते हैं नए CJI

भारत के नए CJI संजीव खन्ना के पिता देव राज खन्ना दिल्ली हाई कोर्ट के जज रह थे। वहीं उनके चाचा जस्टिस हंस राज खन्ना भी देश के सबसे सम्मानित जजों में से एक हैं। जस्टिस एच आर खन्ना ने 1976 में इमरजेंसी के दौरान सरकार के खिलाफ जाने वाला ऐतिहासिक फैसला दिया था। उन्होंने उस समय की इंदिरा गांधी सरकार की तरफ से लगाई गई इमरजेंसी को लेकर कहा था कि नागरिकों की व्यक्तिगत स्वतंत्रता का मौलिक अधिकार इमरजेंसी में भी बाधित नहीं किया जा सकता। उसके बाद ऐसा माना जाता है कि इंदिरा गांधी ने इसी वजह से जूनियर जज को चीफ जस्टिस बना दिया था। इसके बाद जस्टिस एच आर खन्ना ने इस्तीफा दे दिया था।

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