संबंधित खबरें
‘कुछ लोग खुश है तो…’, महाराष्ट्र में विभागों के बंटवारें के बाद अजित पवार ने कह दी ये बड़ी बात, आखिर किस नेता पर है इनका इशारा?
कांग्रेस को झटका देने की तैयारी में हैं उमर अब्दुल्ला? पिछले कुछ समय से मिल रहे संकेत, पूरा मामला जान अपना सिर नोंचने लगेंगे राहुल गांधी
खतरा! अगर आपको भी आया है E-Pan Card डाउनलोड करने वाला ईमेल? तो गलती से ना करें क्लिक वरना…
मिल गया जयपुर गैस टैंकर हादसे का हैवान? जांच में हुआ चौंकाने वाला खुलासा, पुलिस रह गई हैरान
भारत बनाने जा रहा ऐसा हथियार, धूल फांकता नजर आएगा चीन-पाकिस्तान, PM Modi के इस मास्टर स्ट्रोक से थर-थर कांपने लगे Yunus
‘जर्सी नंबर 99 की कमी खलेगी…’, अश्विन के सन्यास से चौंक गए PM Modi, कह दी ये बड़ी बात, क्रिकेट प्रशसंक भी रह गए हैरान
India News(इंडिया न्यूज),Kapil Sibal: देश में अभी महिला आरक्षण बिल को लेकर राजनीतिक पार्टियों में जबरदस्त गर्माहट चल रही है। वहीं अब इस बिल को लेकर पूर्व केंद्रीय मंत्री और राज्यसभा सांसद कपिल सिब्बल ने मोदी सरकार द्वारा लोकसभा में पेश किए गए महिला आरक्षण विधेयक पर सवाल उठाए हैं और इसे भाजपा का राजनीतिक कदम करार देते हुए कहा है कि अगर भाजपा 2024 में इसका राजनीतिक फायदा लेना चाहती है, तो उसे 2014 में महिला आरक्षण विधेयक पेश करना चाहिए था, जब वह केंद्र की सत्ता में आई थी। क्योंकि विधेयक को लागू करने से पहले जनगणना और परिसीमन करना होगा।
इसके साथ ही आगे वरिष्ठ वकील सिब्बल ने कहा कि, भाजपा 2024 में राजनीतिक लाभ लेना चाहती है, इसलिए महिलाओं को बता रही है कि उन्होंने ऐतिहासिक काम किया है। उन्हें यह काम 2014 में करना चाहिए था। इसमें ऐतिहासिक क्या है? महिला आरक्षण लागू होने से पहले जनगणना और परिसीमन होगा। अगर समय पर जनगणना और परिसीमन नहीं हुआ तो क्या होगा? कपिल सिब्बल ने कहा, “वे (भाजपा सरकार) महिलाओं को सिर्फ सपने दिखा रहे हैं कि उन्हें 2029 में आरक्षण मिलेगा…उन्हें राजनीति के अलावा कुछ नहीं सूझ रहा है।”
मिली जानकारी के अनुसार बता दें कि, केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने मंगलवार को नए संसद भवन में लोकसभा की पहली बैठक में महिला आरक्षण से संबंधित विधेयक पेश किया। इस बिल का नाम नारी शक्ति वंदन अधिनियम रखा गया है। वहीं विधेयक पेश करते हुए मंत्री ने कहा कि यह विधेयक महिला सशक्तिकरण के संबंध में है। संविधान के अनुच्छेद 239एए में संशोधन करके, लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत सीटें आरक्षित की जाएंगी। मेघवाल ने कहा कि नारी शक्ति वंदन अधिनियम पारित होने के बाद लोकसभा में महिला सांसदों की संख्या 181 हो जाएगी।
ये भी पढ़े
Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.