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अब इस राज्य का नाम बदलने की तैयारी! एक बयान ने दी इस बात को हवा

Divyanshi Singh • LAST UPDATED : October 28, 2023, 8:43 pm IST

India News, (इंडिया न्यूज)  इस समय देश में कई जगहो का नाम बदला जा रहा है। उत्तर प्रदेश जगहों का नाम बदलने में सबसे आगे है। जहां इलाहाबाद का नाम बदलकर प्रयागराज रख दिया गया। वहीं फैजाबाद का नाम बदलकर आयोध्या रख दिया गया। ऐसा ही एक घटना कर्नाटक से सामने आ रहा है। जहां कर्नाटक के मंत्री एम.बी. पाटिल ने शुक्रवार को कहा कि विजयपुरा जिले का नाम 12वीं सदी के समाज सुधारक बसवेश्वर (बसवन्ना) के नाम पर रखने की मांग की जा रही है और पूरे कर्नाटक राज्य का नाम बदलकर बसवनाडु (बसवों की भूमि) करने में कुछ गलत नहीं है।

उपमुख्यमंत्री डी. के. शिवकुमार ने कुछ दिन पहले रामनगर जिले का नाम बदलकर ‘बेंगलुरु दक्षिण’ करने का प्रस्ताव रखा, जिसके बाद राज्य के लघु एवं मध्यम उद्योग मंत्री पाटिल ने यह टिप्पणी की है।

जिला बसवन्ना का जन्मस्थल है और इसमें कुछ गलत नहीं है-पाटिल 

विजयपुरा जिले की बबलेश्वर सीट से विधायक पाटिल ने कहा, “होयसल काल के दौरान इस क्षेत्र को विजयपुरा के नाम से जाना जाता था। फिर आदिल शाही वंश के शासन में यह बीजापुर बन गया। इसके बाद इसका नाम बदलकर विजयपुरा कर दिया गया। अब, कई लोगों ने मांग की है कि जिले का नाम बसवेश्वर किया जाना चाहिए। यह स्वाभाविक है क्योंकि जिला बसवन्ना का जन्मस्थल है और इसमें कुछ गलत नहीं है।”

2014 में 12 शहरों के नाम बदलने की मिली थी मंजूरी 

उन्होंने यहां पत्रकारों से कहा, “हालांकि कुछ तकनीकी मुद्दे हैं। बीजापुर विजयपुरा बना है, और अगर इसे बसवेश्वर बनाया जाता है, तो कुछ असुविधा होगी, क्योंकि कई स्थानों पर नाम में बदलाव करना होगा। ऐसी चिंताएं जाहिर की गई हैं। मैं मुख्यमंत्री से चर्चा करूंगा और हम पक्ष-विपक्ष पर विचार करने के बाद निर्णय लेंगे।”

केंद्र सरकार ने 2014 में कर्नाटक की राजधानी बेंगलोर का नाम बेंगलुरु करने समेत कर्नाटक के 12 शहरों के नाम बदलने की मंजूरी दी थी। इसके बाद बीजापुर को विजयपुरा के नाम से जाना जाने लगा।

कर्नाटक के नाम को बदलने पर पाटिल ने कही यह बात

कर्नाटक का नाम बदलकर ‘बसव नाडु’ करने के बारे में पूछे जान पर पाटिल ने कहा, “यह स्वाभाविक है, इसमें गलत क्या है? बसवन्ना ने ही दुनिया की पहली संसद ‘अनुभव मंतपा’ स्थापित की थी। उन्होंने सामाजिक अवधारणा दी थी। हम कहते रहते हैं कि हमारी भूमि ‘बसव नाडु’ बननी चाहिए और हमें ‘बसव संस्कृति’ को अपनाना चाहिए।”

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