ये भी पढ़े : सीएम मनोहर लाल, चौटाला फैमिली और कुलदीप बिश्नोई ने निभाई कार्तिकेय शर्मा की जीत में अहम भूमिका
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डॉ रविंद्र मलिक, चंडीगढ़: कार्तिकेय शर्मा ने राज्य सभा के चुनाव जीत लिए है। उन्हें 2966 वोटें पड़ी हैं। उनकी जीत की घोषणा पहले से ही हो गई थी। उनके सभी समर्थक आज आज उनके अम्बाला घर के बहार भी पहुंचने लगे है। अब वो राज्यसभा में पहुंच गए हैं तो प्रदेश के मुद्दों वो वहां उठाएंगे। उनको राज्यसभा तक पहुंचाने में उनके पिता का पर्दे के पीछे अहम योगदान है।
उनको चुनाव के पीछे पूरी रणनीति उनके पिता व पूर्व कैबिनेट मिनिस्टर विनोद शर्मा ने बनाए और वो कांग्रेस को बांधने में सफल रहे। उनको राजनीतिक कौशल से कौन परिचित नहीं है। कभी एक समय भूपेंद्र सिंह हुड्डा की सरकार बनाने में अहम भूमिका निभाने वाले विनोद शर्मा ने साबित कर दिया कि सियासी गलियारों में आज भी कोई उनका सानी नहीं है और उनकी राजनीतिक धार आज भी उतनी ही तेज है।
10 जून को मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि भाजपा उम्मीदवार व समर्थित निर्दलीय कार्तिकेय चुनाव जरूर जीतेंगे। इस दरम्यान कांग्रेस के दो विधायकों के खिलाफ वोटिंग के दौरान गोपनीयता लीक करने का मामला चुनाव आयोग में लंबित था। लेकिन जिस आत्मविश्वास से सीएम ने पहले ही जीत का दावा किया, उससे कहीं ने कहीं पहले ही साफ हो गया था कि कार्तिकेय चुनाव जीतेंगे।
वहीं भाजपा की तरफ वोटिंग करने वाले कांग्रेस के विधायक कुलदीप बिश्नोई ने चुनाव में अहम भूमिका निभाई है। ऐसे में जहां एक तरह से कांग्रेस से उनकी विदाई या कहें बर्खास्तगी तय मानी जा रही है तो वहीं दूसरी तरफ उनके भाजपा ज्वाइन करने की भी पूरी संभावनाएं हैं। सीएम मनोहर लाल ने एक सवाल के जवाब में कहा कि कुलदीप ने पहले ही अपनी अंतरात्मा की आवाज पर वोट करने को कह दिया था और वो खुलकर उनके साथ थे। अगर वह भाजपा ज्वाइन करने के इच्छुक हैं तो उनके लिए दरवाजे हर वक्त खुले हैं और वो पार्टी ज्वाइन कर सकते हैं।
10 जून को दिन में ही वोटिंग के दौरान कांग्रेस के विधायकों के वोट रद्द होने की चर्चा जमकर जारी थी। भाजपा को समर्थन देने वाले निर्दलीय रणधीर गोलन ने वोट डालने के बाद पोलिंग बूथ से बाहर निकलते कहा कि कांग्रेस के विधायकों के एक या दो वोट रद्द होने तय हैं। बाकी जो हुआ वो सबके सामने है और अंत में पार्टी का एक वोट रद्द पाया गया।
चौटाला फैमिली ने कार्तिकेय की जीत में बेहद अहम भूमिका निभाई। जजपा ने उनको शुरू में समर्थन दिया और पार्टी के सभी 10 विधायकों ने उनको पक्ष में वोटिंग की। पार्टी नेता व डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला उनके साथ मजबूती से खड़े थे तो वहीं उनको भाई दिग्विजय चौटाला ने चुनाव में वोटिंग के दौरान चुनाव एजेंट की भूमिका निभाई और इस दौरान वो बेहद मजबूती से डटे दिखाई दिए।
वहीं दूसरी तरफ बेशक दोनों भाईयों की चाचा व इनेलो विधायक अभय चौटाला से बेशक छत्तीस का आंकड़ा हो लेकिन पूरे चौटाला परिवार ने कार्तिकेय के पक्ष में एकजुटता दिखाई। अभय चौटाला ने 9 जून को भी कार्तिकेय के पक्ष में वोटिंग की घोषणा कर दी थी और 10 जून को उनके पक्ष में वोटिंग की। इस तरह से चौटाला परिवार ने एकजुटता से उनको पक्ष में वोटिंग की।
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