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कौन है जिससे खौफ खा रहे उमर-महबूबा! पहले जेल से अब्दुल्लाह को चटाई धूल, अब कश्मीर की राजनीति में मचाई खलबली

BY: Raunak Pandey • LAST UPDATED : September 10, 2024, 6:25 pm IST
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कौन है जिससे खौफ खा रहे उमर-महबूबा! पहले जेल से अब्दुल्लाह को चटाई धूल, अब कश्मीर की राजनीति में मचाई खलबली

Kashmir Politics: कौन है जिससे खौफ खा रहे उमर-महबूबा

India News (इंडिया न्यूज), Kashmir Politics: जम्मू-कश्मीर में 10 साल बाद हो रहे विधानसभा चुनाव को लेकर महबूबा मुफ्ती और फारूक अब्दुल्ला की पार्टी ने पूरी ताकत झोंक दी है। यह चुनाव पीडीपी और नेशनल कॉन्फ्रेंस के लिए अपनी खोई साख वापस पाने का मौका है। फारूक की पार्टी को 2014 के चुनाव में हार का सामना करना पड़ा था, जबकि महबूबा की पार्टी चुनाव के बाद सत्ता में आई थी, लेकिन इसके लिए उसे बीजेपी का समर्थन लेना पड़ा था। इस चुनाव में दोनों ही पार्टियां अवामी इत्तेहाद पार्टी (एआईपी) से ज्यादा डरी हुई नजर आ रही हैं। यह बात महबूबा मुफ्ती और उमर अब्दुल्ला के बयानों से जाहिर होती है। दोनों ने इंजीनियर रशीद की पार्टी को बीजेपी का प्रॉक्सी बताया है।

महबूबा मुफ़्ती ने क्या कहा?

महबूबा मुफ़्ती ने बताया कि राशीद जेल में हैं, फिर AIP हर जगह अपने उम्मीदवार कैसे खड़े कर रही है। उन्होंने कहा कि मुफ़्ती साहब को पार्टी बनाने में 50 साल लग गए और हमारे पास अभी भी इतने संसाधन नहीं हैं कि हम हर जगह उम्मीदवार खड़े कर सकें। मैं जानना चाहती हूं कि जो व्यक्ति (इंजीनियर रशीद) जेल में है, वह संसदीय चुनाव लड़ता है, यह अच्छी बात है, लेकिन उसकी पार्टी के पीछे कौन है। उसके उम्मीदवार हर जगह कैसे खड़े होते हैं। महबूबा मुफ्ती ने आगे कहा कि पीडीपी, एनसी और कांग्रेस को छोड़कर बाकी सभी राजनीतिक दल और निर्दलीय उम्मीदवार बीजेपी के प्रतिनिधि हैं। उनका मकसद कश्मीर में वोटों को बांटना है। खास तौर पर पीडीपी उनके निशाने पर है। उन्हें पता है कि पीडीपी ही एकमात्र पार्टी है जो कश्मीर के लोगों के लिए खड़ी हुई है।

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राशिद के साथ है सिम्पैथी फैक्टर

दरअसल, महबूबा मुफ्ती और उमर अब्दुल्ला ऐसा बयान दे रहे हैं तो इसकी वजह भी है। लोकसभा चुनाव में इंजीनियर रशीद ने उमर अब्दुल्ला को बारामूला से हराया था। जेल से चुनाव लड़ने वाले इंजीनियर रशीद को 4 लाख 72 हजार 481 वोट मिले थे। उनका वोट प्रतिशत 45.7 फीसदी रहा था।वहीं, उमर के खाते में 2 लाख 68 हजार 339 वोट आए थे। एनसी नेता को करीब 26 फीसदी वोट मिले थे। इस सीट पर पीडीपी चौथे नंबर पर रही थी। यहां उन्हें मात्र 2.66 प्रतिशत वोट मिले। बता दें कि, इंजीनियर राशिद दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद हैं। उन्हें अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद गिरफ्तार किया गया था।

लोकसभा चुनाव के दौरान उनके बेटे अबरार अहमद ने प्रचार की कमान संभाली थी। उन्होंने रोड शो किया था। बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक ने रोड शो में हिस्सा लिया था। राजनीतिक जानकारों का मानना ​​है कि इंजीनियर राशिद के साथ सहानुभूति फैक्टर है। ऐसे बहुत कम नेता हैं जो जेल में हों और उनके रोड शो में भीड़ उमड़ी हो।

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