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इंडिया न्यूज, कोच्चि , (Kerala High Court) : केरल हाइकोर्ट ने कोविड से मरने वालों की पहचान कर उसे मुआवजा देने की नीति तैयार करने का निर्देश राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) को दिया है। केरल हाइकोर्ट ने निर्देश दिया कि कोविड-19 वैक्सीन लगवाने के बाद मरने वालों की पहचान शीघ्र करें ताकि उनके आश्रितों को मुआवजा मिल सके। कोर्ट ने इसके लिए एक नीति तैयार करने का निर्देश दिया है।
कोर्ट ने यह निर्देश उस समय जारी किया जब उसके सामने तीन मामले सामने आए। जस्टिस अरुण ने कहा कि एक व्यक्ति जो कोविड-19 वैक्सीन लगवाया था, उसने टीकाकरण के बाद दम तोड़ दिया। अदालत ने कहा कि भले ही संख्या बहुत कम हो लेकिन ऐसे उदाहरण हैं, जहां लोगों ने टीकाकरण के बाद के प्रभाव के कारण दम तोड़ दिया है। ऐसी स्थिति में एनडीएमए और स्वास्थ्य मंत्रालय को नीति तैयार करने के लिए बाध्य किया जाता है। ताकि ऐसे मामलों की पहचान करने में मदद और पीड़ित के आश्रितों को मुआवजा मिल सके।
न्यायालय ने कहा कि कोविड-19 टीकाकरण के बाद के प्रभावों के कारण मृत्यु के मामलों की पहचान करने और पीड़ित के आश्रितों को मुआवजा देने के लिए नीति या दिशानिर्देश तैयार करने के लिए आदेश दिया जाता है। कोर्ट ने यह भी कहा कि हर हाल में तीन महीने के भीतर या जितनी जल्दी हो सके इसे तैयार किया जाना चाहिए ताकि प्रभावितों को मुआवजा मिल सकें।
अदालत ने अपने आदेश में कहा कि याचिकाकर्ता के पति की मृत्यु टीकाकरण के बाद हुई थी। यह आदेश अदालत ने तब दिया जब केंद्र ने अदालत को जानकारी दिया कि अभी तक ऐसी कोई नीति नहीं बनाई गई है। न्यायालय एक महिला की याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें प्रतिवादियों (केंद्र और राज्य सरकार के अधिकारियों) को महिला और उसके बच्चों को मुआवजा राशि देने का निर्देश देने की मांग की गई थी।
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