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India News(इंडिया न्यूज), Killer Daughter-in-Law: मध्य प्रदेश के रीवा से एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है जिसमे दो साल पहले घरेलू कलह के चलते एक बहू ने अपनी सास की हत्या कर दी थी। उसने सास पर 95 बार दरांती से वार किया था। इस मामले में रीवा कोर्ट ने हत्यारी बहू को फांसी की सजा सुनाई है, तो चलिए जानते हैं क्या था पूरा मामला।
दरअसल, यह मामला 12 जुलाई 2022 का दिन है। मध्य प्रदेश के रीवा में एक बहू ने अपनी ही सास पर दरांती से हमला कर दिया। वो तब तक वार करती रही जब तक सास की मौत नहीं हो गई। बहू ने सास पर 95 से ज्यादा बार दरांती से वार किया। दो साल बाद अब कोर्ट ने बहू को दोषी करार देते हुए फांसी की सजा सुनाई है।
अपर लोक अभियोजक एडवोकेट विकास द्विवेदी ने यह जानकारी दी और बताया कि, मनगवां थाना क्षेत्र के अंतरेला प्लांट गांव में 50 वर्षीय सरोज कोल अपने बेटे और बहू के साथ रहती थी। सास और बहू की आपस में नहीं बनती थी। बहू कंचन कोल अपनी सास से इतनी नफरत करने लगी कि एक दिन उसने उसकी हत्या कर दी। 12 जुलाई 2022 को हर दिन की तरह सास और बहू में किसी बात पर बहस हो गई। बहस इतनी बढ़ गई कि कंचन कोल गुस्से में किचन के अंदर चली गई। वह वहां से दरांती ले आई। फिर उसने अपनी सास पर दरांती से कई बार हमला किया।
बता दें कि, कंचन उस समय इतनी गुस्से में थी कि उसने अपनी सास पर 95 से ज्यादा बार दरांती से हमला किया। वह तब तक वार करती रही जब तक कि पूरा फर्श खून से लथपथ नहीं हो गया। फिर वह वहीं बैठ गई। उस समय सरोज का बेटा बाहर गया हुआ था। जैसे ही बेटा वाल्मीकि कोल घर आया तो अपनी मां को खून से लथपथ फर्श पर पड़ा देखकर चीख पड़ा। उसने यह भी नहीं देखा कि मां की मौत हुई है या नहीं। सबूतों के अभाव में बेटा बरी हो गया वह तुरंत उसे संजय गांधी मेमोरियल अस्पताल ले गया। लेकिन डॉक्टरों ने बताया कि उसकी मौत हो चुकी है। बेटे ने पुलिस को सूचना दी। उस समय पुलिस ने आरोपी बहू के साथ बेटे को भी आरोपी बनाया था। लेकिन सबूतों के अभाव में वाल्मीकि को बरी कर दिया गया।
तीन दशक बाद रीवा कोर्ट में इतना बड़ा फैसला आया है। इससे पहले नाबालिग से दुष्कर्म और हत्या के मामले में एक व्यक्ति और जेल प्रहरी को फांसी की सजा सुनाई गई थी।
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