India News (इंडिया न्यूज), Life of Justice Sanjiv Khanna : आज 11 नवंबर को जस्टिस संजीव खन्ना भारत के 51वें मुख्य न्यायाधीश के तौर पर शपथ लेंगे। मुख्य न्यायाधीश का शपथ ग्रहण समारोह सुबह 10 बजे राष्ट्रपति भवन में होगा। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू जस्टिस संजीव खन्ना को मुख्य न्यायाधीश की शपथ दिलाएंगी। जस्टिस संजीव खन्ना जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की जगह लेंगे, जो इसी रविवार को सेवानिवृत्त हुए हैं। जस्टिस संजीव खन्ना का कार्यकाल 13 मई 2025 तक रहेगा। जस्टिस संजीव खन्ना इलेक्टोरल बॉन्ड स्कीम को खत्म करने और अनुच्छेद 370 को हटाने जैसे सुप्रीम कोर्ट के फैसलों का हिस्सा रहे हैं। पीटीआई के मुताबिक केंद्र सरकार ने 24 अक्टूबर को जस्टिस खन्ना की नियुक्ति को आधिकारिक तौर पर अधिसूचित किया था। शुक्रवार को जस्टिस चंद्रचूड़ का सीजेआई के तौर पर आखिरी कार्य दिवस था और उन्हें सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट के जजों, वकीलों और कर्मचारियों ने भव्य विदाई दी।
जस्टिस संजीव खन्ना 18 जनवरी 2019 से सुप्रीम कोर्ट के जज के तौर पर अपनी सेवाएं दे रहे हैं। इस बीच वे कई ऐतिहासिक फैसलों का हिस्सा रहे हैं, जिसमें इलेक्टोरल बॉन्ड स्कीम को खत्म करना, अनुच्छेद 370 को हटाना, दिल्ली के पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल को अंतरिम जमानत देना और ईवीएम की पवित्रता बनाए रखना शामिल है। इसके अलावा जस्टिस संजीव खन्ना दिल्ली के एक प्रतिष्ठित परिवार से ताल्लुक रखते हैं। वे दिल्ली हाईकोर्ट के पूर्व जज जस्टिस देव राज खन्ना के बेटे और सुप्रीम कोर्ट के पूर्व चीफ जस्टिस एचआर खन्ना के भतीजे हैं। जस्टिस संजीव खन्ना हाईकोर्ट जज बनने से पहले तीसरी पीढ़ी के वकील थे।
देश के नए चीफ जस्टिस के सफर की बात करें तो उनका जन्म 14 मई 1960 को हुआ था। उन्होंने दिल्ली के मॉडर्न स्कूल से पढ़ाई की, जिसके बाद 1980 में दिल्ली यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन किया। इसके बाद उन्होंने दिल्ली यूनिवर्सिटी से ही लॉ सेंटर यानी सीएलसी से कानून की डिग्री ली। वे राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण (NALSA) के कार्यकारी अध्यक्ष थे। उन्होंने 1983 में दिल्ली बार काउंसिल में अधिवक्ता के रूप में नामांकन कराया और शुरू में यहां तीस हजारी कॉम्प्लेक्स में जिला न्यायालय में तथा बाद में दिल्ली उच्च न्यायालय में वकालत की।
2004 में, न्यायमूर्ति संजीव खन्ना को राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार के स्थायी वकील के रूप में नियुक्त किया गया था। इसके बाद उन्हें 2005 में दिल्ली उच्च न्यायालय के अतिरिक्त न्यायाधीश और फिर 2006 में स्थायी न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत किया गया। न्यायमूर्ति संजीव खन्ना ने आयकर विभाग के वरिष्ठ स्थायी वकील के रूप में लंबे समय तक काम किया, उन्होंने वाणिज्यिक कानून, कंपनी कानून, भूमि कानून, पर्यावरण कानून और चिकित्सा लापरवाही जैसे क्षेत्रों में वकालत की।
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