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India News (इंडिया न्यूज), Kolkata Rape Case: कोलकाता के प्रशिक्षु डॉक्टर हत्याकांड की जांच कर रही CBI ने आखिरकार आरजी कर कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल डॉ. संदीप घोष समेत 4 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। संदीप घोष पर आरजी कर कॉलेज में भ्रष्टाचार का आरोप था। सीबीआई उनसे लगातार 18 दिनों से पूछताछ कर रही थी। संदीप घोष की गिरफ्तारी ममता सरकार के लिए भी झटका है। क्योंकि ममता सरकार पर बार-बार संदीप घोष को बचाने का आरोप लगता रहा है। यहां तक कि कलकत्ता हाईकोर्ट ने भी कहा था कि आप बहुत ताकतवर हैं। आपको एक जगह से हटाकर दूसरी जगह पोस्ट किया जाता है। इसलिए आपको छुट्टी पर भेजना बहुत जरूरी है।
सोशल मीडिया पर एक ऑडियो क्लिप भी वायरल हो रही है, जिसमें संदीप घोष का एक करीबी पावर में बैठे लोगों का जिक्र कर एक जूनियर डॉक्टर पर अपनी ताकत का रौब जमाता नजर आ रहा है। इसमें एक आवाज डॉ. सरीफ हसन की है, जो संदीप घोष के बेहद करीबी बताए जाते हैं। दूसरी आवाज डॉ. अनुभव साहा की है, जो आरजी कर में घोष के गुट की हरकतों का विरोध करते हैं। क्लिप में हसन कहते सुनाई दे रहे हैं कि ‘प्रिंसिपल साहब इस्तीफा देना चाहते हैं, लेकिन ‘दीदी’ उन्हें इस्तीफा नहीं देने देतीं। क्या आप यह जानते हैं? सीएम उन्हें इस्तीफा नहीं देने देतीं। वह बहुत पहले ही इस्तीफा दे देते… ‘दीदी’ ने उन्हें लोकसभा चुनाव तक पद पर बने रहने को कहा है…’ बंगाल में ‘दीदी’ का मतलब बड़ी बहन होता है। लेकिन राजनीतिक हलकों में लोग ममता बनर्जी को ‘दीदी’ कहकर बुलाते हैं।
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IPC की धारा 120B- भारतीय दंड संहिता की धारा 120बी किसी भी अपराध को अंजाम देने के लिए एक साथ मिलकर साजिश रचने पर लगाई जाती है। यह जरूरी नहीं है कि आरोपी खुद ही अपराध करे। वह ऐसी साजिश का हिस्सा भी हो सकता है।
सजा- आजीवन कारावास या 2 साल या उससे अधिक का कठोर कारावास।
IPC की धारा 420- इस धारा के तहत धोखाधड़ी, छल और बेईमानी से संपत्ति अर्जित करने वालों के खिलाफ मामले दर्ज किए जाते रहे हैं। लेकिन अब 1 जुलाई से लागू हुए भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) के तहत 420 की जगह धारा 318 का इस्तेमाल किया जा रहा है।
सजा- सात साल से अधिक कारावास और जुर्माना।
भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 की धारा 7- इस धारा के तहत तब मामला दर्ज होता है जब कोई सरकारी अधिकारी और कर्मचारी अपने सरकारी काम के सिलसिले में वैध पारिश्रमिक के अलावा कोई और पैसा कमाता है।
सजा – 6 महीने से लेकर अधिकतम 5 साल तक की कैद और जुर्माना
CBI ने आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष से 150 घंटे से अधिक समय तक पूछताछ की है। उनसे 9 अगस्त की सुबह पोस्टग्रेजुएट ट्रेनी डॉक्टर के साथ हुए बलात्कार और हत्या की जांच के सिलसिले में भी पूछताछ की गई है। इस मामले से जुड़ी सारी सच्चाई जानने के लिए CBI ने संदीप का दो बार पॉलीग्राफ टेस्ट भी कराया है। पहले टेस्ट के दौरान संदीप ने CBI के सवालों के संतोषजनक जवाब नहीं दिए थे। CBI के अधिकारियों ने संदीप घोष के घर और अस्पताल की तलाशी ली थी। एक अधिकारी ने बताया था कि वित्तीय अनियमितताओं की जांच के लिए तीन टीमें बनाई गई हैं। पहली टीम ने आरजी कर अस्पताल के शवगृह का दौरा किया था और जांच की थी। उन्होंने वहां के बुनियादी ढांचे, शवों को सुरक्षित रखने और पोस्टमार्टम करने में शामिल प्रोटोकॉल के बारे में पूछताछ की थी। पांच सदस्यीय टीम ने अस्पताल के डॉक्टरों और कर्मचारियों से बात की, जिसमें डॉ. सप्तर्षि चटर्जी भी शामिल थे।
CBI की दूसरी टीम आरजी कर अस्पताल की इमरजेंसी बिल्डिंग की तीसरी मंजिल पर स्थित चेस्ट डिपार्टमेंट में गई, जहां उस रात पीड़िता ड्यूटी पर थी, क्राइम सीन का निरीक्षण किया गया। वहां नर्सों और अस्पताल के अन्य कर्मचारियों से बात की गई। इससे पहले इस मामले में सिर्फ एक ही गिरफ्तारी हो सकी थी, जो मुख्य आरोपी संजय रॉय की थी, जो फिलहाल न्यायिक हिरासत में है। अब इस मामले में संदीप घोष की दूसरी सबसे बड़ी गिरफ्तारी हुई है। आरजी कर मेडिकल कॉलेज के पूर्व उपाधीक्षक अख्तर अली ने कहा था कि संदीप घोष के कार्यकाल में संस्थान के कामकाज में कई वित्तीय अनियमितताएं हुई थीं। वह कई अनैतिक गतिविधियों और भ्रष्टाचार में भी शामिल थे। छात्रों को जानबूझकर फेल किया जाता था, फिर उन्हें पास करवाने के नाम पर पैसे लिए जाते थे। उन्होंने इसकी शिकायत विजिलेंस कमेटी से भी की थी। वह जांच का हिस्सा भी बने। लेकिन फाइनल रिपोर्ट से पहले ही उनका तबादला कर दिया गया।
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