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India News (इंडिया न्यूज), RG Kar Medical College Doctor Rape-Murder: कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में ट्रेनी डॉक्टर से दुष्कर्म और हत्या के आरोपी संजय रॉय की जमानत याचिका पर 6 सितंबर (शुक्रवार) को एक कोर्ट में सुनवाई होनी थी। इस दौरान सीबीआई के वकील कोर्ट देरी से पहुंचे। वकील के देरी से पहुँचने पर जज नाराज हो गए और पूछा कि क्या आरोपी को जमानत दे दी जाए। सीबीआई के वकील करीब 40 मिनट की देरी से कोर्ट पहुंचे। अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट पामेला गुप्ता को एक अधिकारी से 4:10 बजे पता चला कि सरकारी वकील लेट हैं। जज ने कहा, अगर वकील मौजूद नहीं हैं तो आरोपी संजय रॉय को जमानत दे देनी चाहिए।
जब कुछ देर इंतजार करने के बाद भी वकील दीपक पोरिया कोर्ट नहीं पहुंचे तो जज ने सीबीआई के एक अधिकारी को फोन करने को कहा। उन्होंने कहा, अभी 4:20 बज रहे हैं और यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है। मामले के सहायक जांच अधिकारी कोर्ट से बाहर चले गए और करीब 15 मिनट बाद लौटे। उन्होंने कहा, वकील रास्ते में हैं। पोरिया करीब 5 बजे कोर्ट रूम में आए। इसके बाद बचाव पक्ष की वकील कविता सरकार ने पूछा कि 23 अगस्त को सुनवाई के लिए आए वकील सीबीआई की ओर से क्यों नहीं आए। पोरिया ने कहा कि वे सीबीआई के पूर्णकालिक वकील हैं। उन्होंने बिना कोई कारण बताए कोर्ट में रॉय की जमानत याचिका का विरोध किया। इसके बाद मजिस्ट्रेट ने संजय रॉय को 20 सितंबर तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया।
रॉय के वकील ने कहा कि उनके खिलाफ कोई आपराधिक मामला लंबित नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि सीबीआई अभी तक कोर्ट में कोई ठोस सबूत पेश नहीं कर पाई है, इसीलिए वह कोर्ट में बहस करने से कतरा रही है। ऐसे में संजय रॉय को जमानत दी जानी चाहिए। आपको बता दें कि 9 अगस्त को आरजी कर अस्पताल में महिला डॉक्टर की हत्या के मामले में संजय रॉय एकमात्र आरोपी है। जांच सीबीआई को सौंपे जाने के बाद संजय रॉय की न्यायिक हिरासत फिर से बढ़ा दी गई है। इससे पहले 23 अगस्त को सीबीआई ने संजय रॉय की हिरासत मांगी थी। हालांकि, सीबीआई ने कोर्ट में गैंगरेप का जिक्र नहीं किया। वहीं, पीड़िता के माता-पिता का कहना है कि इस अपराध में एक से अधिक लोग शामिल थे।
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