संबंधित खबरें
पंजाब के मोहाली में ढह गई 6 मंजिला इमारत, सर्च ऑपरेशन जारी
भगदड़ में महिला की मौत पर Allu Arjun ने कही थी ये घटिया बात? इस विधायक ने खोली ऐसी जहरीली बात, सुनकर कांप जाएंगे फैंस!
Priyanka Gandhi को उन्हीं की भाषा में याद दिलाया गया 40 साल पुराना कांड, तिलमिलाकर बोलीं 'ये मेरे साथ मत करियो'
6 राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ J P Nadda ने ली बैठक,2025 तक भारत से मिटाने का बनाया प्लान
GST Council Meeting: निर्मला सीतारमण नहीं पिघलीं…हेल्थ से जुड़ी बड़ी खबर, जानें किन चीजों पर घटा-बढ़ा टैक्स
अंबेडकर के अपमान को कांग्रेस बनाएगी अभियान, रणनीति के तहत इस मुद्दे को देश भर उठाएगी
India News (इंडिया न्यूज), Haryana Polls, कनिका कटियार, नई दिल्ली: हरियाणा विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के लिए कुमारी सैलजा और हुड्डा के बीच का अंतर्कलह दिन प्रतिदिन चुनौती बनता जा रहा है। चुनावी प्रचार में कुमारी सैलजा पार्टी के लिए कोई प्रचार नहीं कर रही है बल्कि दिल्ली में मौजूद अपने समर्थकों से मुलाकात करती नज़र आ रही है। कांग्रेस पार्टी के भीतर दोनों नेताओं की लड़ाई पार्टी के लिए चुनौती बनती नजर आ रही है जिसका फायदा बीजेपी हरियाणा में उठाने की कोशिश कर रही है। बीते दिन सैलजा को लेकर लगातार प्रचार ना करने को लेकर चर्चाए अब तेजी से बढ़ती नजर आ रही है।
बीजेपी शैलजा की नाराज़गी और दलित वोटर को लुभाने की कोशिश में लगी है वही कांग्रेस बीजेपी को घेरने में लगी है और यह कह रही है की बीजेपी अपना घर संभाले। बीजेपी हरियाणा में कांग्रेस पर आक्रामक तौर से हमलावर है बीते दिन हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर हो या नायब सिंह सैनी दोनों शैलजा को बीजेपी में शामिल होने का ऑफर दे चुके है। हरियाणा विधानसभा चुनाव में कुमारी सैलजा और हुड्डा के बीच की लड़ाई अब बीजेपो को बार- बार कांग्रेस को घेरने और दलित विरोधी जैसे आरोप का मौका दे रही है बीजेपी के नेता लगातार सैलजा को बीजेपी में शामिल होने जैसे ऑफर देते नजर आ रहे जिसपे अभी तक कुमारी शैलजा ने चुप्पी नहीं तोड़ी है।
कुमारी सैलजा का खानदान कांग्रेस में शुरुआत से रहा है , सैलजा के पिता शुरुआत से कांग्रेस में रहे थे और राजीव गांधी के समय से वह कांग्रेस पार्टी में अपनी राजनीति करते रहे थे और उनके जाने के बाद सैलजा से अपनी राजनीतिक पारी की शुरुआत की और वह लगातार हरियाणा की सियासत से लेकर दिल्ली तक की राजनीति करती चली आ रही है. पाँच बार कैबिनेट मंत्री, प्रदेश अध्यक्ष, महासचिव और सांसद जैसे बड़े पदों पर रह चुकी है और वर्तमान में वह दिल्ली से लेकर हरियाणा की राजनीति में बड़े चेहरों में गिनी जाती है।
सैलजा के करीबी सूत्रों का कहना है कि सैलजा कभी भी कांग्रेस पार्टी नहीं छोड़ेगी। सैलजा को जानने वाले जानते हैं कि, उसके खून में कांग्रेस है। बीजेपी और खट्टर उनके बारे में अफवाह फैला कर केवल दलित वोट बैंक को साधने और कांग्रेस की छवि खराब करने की कोशिश कर रहे है।
सैलजा ने अपनी नाराजगी कांग्रेस आलाकमान को शुरुआत से बताई हुई है। पार्टी आलाकमान को शुरुआत से शैलजा और हुड्डा की बीच अंतर्कलह एयर लड़ाई के बारे में पता है कई बार यह लड़ाई कांग्रेस अध्यक्ष खरगे और राहुल गांधी तक पहुची है लेकिन उस वक्त आश्वासन के साथ चुप करवा दिया गया हैं।
1.दरअसल, टिकट बंटवारे में संख्या से ज़्यादा मन की सीट ना मिल पाना और हुड्डा के लोगो को दी गई तर्ज़ी बड़ा कारण।
2. नारनौं सीट उनके सबसे करीबी नेता कैप्टन अजय चौधरी को नहीं मिली। इसलिए शैलजा नाराज़ है।
3. उकलाना सीट यहां से वो खुद लड़ना चाहती थीं, लेकिन उनके समर्थक को भी नहीं मिली ना उनको लड़ने दिया गया।
5.सैलजा समर्थकों का आरोप है कि, जहां हुड्डा समर्थकों को टिकट नहीं मिला है वहां हुड्डा समर्थक निर्दलीय ताल ठोक रहे हैं. और यह एक सोची समझी रणनीति है।
6. 12 सितंबर को लिस्ट आने के बाद से सैलजा ने खुद को चुनाव प्रचार से दूर रखा है, हालांकि, वह दिल्ली में लंबे अरसे से रह कर अपने समर्थकों के साथ लगातार बैठकें जरूर कर रही हैं।
7. इस विवाद को देखे तो अभी तक यह मामला सुलझा नहीं है इसलिए सैलजा का कल भी हरियाणा में प्रचार का अभी रात तक कोई कार्यक्रम नहीं बना है।
8. कांग्रेस जानकारों का यह भी कहना है कि इस बार शैलजा आसानी से नही मानेगी जिस तरह उन्होंने लगातार प्रचार और चुनाव से ख़ुद को दूर रखा हुआ है वह आसानी से बिना आलाकमान के आश्वासन के नहीं मानेगी।
इस पूरे मामले पर कांग्रेस आलाकमान सब कुछ जनता है लेकिन आलाकमान की ओर से भी वेट एंड वॉच की परिस्थिति बनी हुई है। हरियाणा के चुनावी प्रचार में अभी तक हरियाणा कांग्रेस के तीनों नेता भूपेन्द्र सिंह हुड्डा , शैलजा और रणदीप सुरजेवाला एक साथ नजर नहीं आए है जिसके कारण जमीन पर इसका नुकसान कांग्रेस को झेलना पड़ रहा है और वही बीजेपी इस मुद्दे का लाभ उठाती नज़र भी आ रही है। इस रणनीति के तहत किस पार्टी को फायदा और किसको नुकसान यह तो चुनाव के नतीजे ही बताएंगे लेकिन कांग्रेस के लिए यह लड़ाई एक बड़ी चुनौती बनती नज़र आ रही है।
Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.