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India News (इंडिया न्यूज), Lal Bahadur Shastri 59th Death Anniversary: भारत आज यानी शनिवार (11 जनवरी, 2025) को देश के दूसरे प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की पुण्यतिथि मना रहा है। आज ही के दिन 1966 में उज्बेकिस्तान के ताशकंद में उनका निधन हो गया था। भारतीय स्वतंत्रता इतिहास के सबसे बेहतरीन नेताओं में से एक शास्त्री को लोगों के आदमी के रूप में जाना जाता था। शास्त्री पारंपरिक राजनीतिक तरीकों से बने नेता थे। उन्होंने 1965 में प्रयागराज, तत्कालीन इलाहाबाद में एक सार्वजनिक सभा में ‘जय जवान जय किसान’ का नारा दिया था। एक अनुभवी स्वतंत्रता योद्धा से लाल बहादुर शास्त्री दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के एक सक्षम प्रमुख के रूप में विकसित हुए।
हम आपको जानकारी के लिए बता दें कि, लाल बहादुर शास्त्री का जन्म 2 अक्टूबर, 1904 को उत्तर प्रदेश के मुगलसराय में हुआ था और वे बहुत ही साधारण पृष्ठभूमि से थे। जब शास्त्री सिर्फ डेढ़ साल के थे, तब उनके पिता शारदा प्रसाद श्रीवास्तव, जो स्कूलों में पढ़ाते थे, का निधन हो गया। शास्त्री ने अत्यधिक प्रतिकूल परिस्थितियों के बावजूद स्कूल की पढ़ाई पूरी की। स्वामी विवेकानंद और महात्मा गांधी से प्रभावित होकर वे स्वतंत्रता की लड़ाई में शामिल हो गए। भारत की स्वतंत्रता के बाद, शास्त्री जी ने कांग्रेस में महत्वपूर्ण भूमिकाएँ निभाईं और जवाहरलाल नेहरू के अधीन कैबिनेट पदों पर भी रहे।
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हम आपको जानकारी के लिए बता दें कि, 1964 में भारत के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू के निधन के बाद लाल बहादुर शास्त्री को उनके उत्तराधिकारी के रूप में चुना गया। अपनी ईमानदारी और निष्ठा के कारण, शास्त्री जी को सभी राजनीतिक हलकों से प्रशंसा मिली। मूल रूप से लाल बहादुर श्रीवास्तव नाम वाले लाल बहादुर शास्त्री ने जाति प्रथा के विरुद्ध अपना अंतिम नाम त्यागने का फैसला किया। महात्मा गांधी के विचारों से वे बहुत प्रभावित थे। वे गांधी जी से इतने प्रभावित हुए कि 1928 में वे भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस में शामिल हो गए।
जैसा की आप सबको इस बात की जानकारी होगी कि, राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और लाल बहादुर शास्त्री का जन्म 2 अक्टूबर को ही हुआ था। अपनी शिक्षा पूरी करने और काशी विद्यापीठ से डिग्री हासिल करने के बाद लाल बहादुर को ‘शास्त्री’ की उपाधि दी गई। 1947 में उन्होंने पुलिस और परिवहन मंत्री के रूप में कार्य करते हुए महिलाओं को कंडक्टर के रूप में नियुक्त करने का बीड़ा उठाया। यह लाल बहादुर शास्त्री ही थे जिन्होंने शुरुआत में लाठी के बजाय भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पानी के जेट तैनात करने का आदेश दिया था।
1965 में जब भारत-पाक युद्ध छिड़ा तो वे प्रधानमंत्री थे। 1966 में शास्त्री जी को भारत का सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न मिला। वे पहले व्यक्ति थे, जिन्हें मरणोपरांत यह सम्मान दिया गया। शास्त्री जी ने 5,000 रुपए का ऑटो लोन लेकर फिएट कार खरीदी। उनकी मृत्यु के बाद उनकी विधवा ने पारिवारिक पेंशन का इस्तेमाल कर लोन चुकाया। 1965 के भारत-पाकिस्तान युद्ध को समाप्त करने वाले ताशकंद घोषणापत्र पर हस्ताक्षर करने के कुछ घंटों बाद ही उज्बेकिस्तान के ताशकंद में उनका निधन हो गया।
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