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Launch of AIMIM in Rajasthan
एआईएमआईएम की संभावनाएं तलाशने के लिए दो बार जयपुर आ चुके हैं असदुद्दीन ओवैसी
सोमवार दिनभर फीडबैक लेने के बावजूद कोई बड़ा चेहरा ओवैसी से मिलने नहीं पहुंचा
40 से ज्यादा मुस्लिम बहुल सीटों पर चुनाव लड़ने की थी रणनीति
दिनेश डांगी, जयपुर:
Launch of AIMIM in Rajasthan प्रदेश में साल 2023 में होने वाले विधानसभा चुनाव में मुस्लिम बाहुल्य 40 से ज्यादा सीटों पर चुनाव लड़ने के इच्छुक हैदराबाद से सांसद और एआईएमआईएम के चीफ असदुद्दीन ओवैसी की उम्मीदों को उस वक्त बड़ा झटका लगा, जब जयपुर दौरे के दौरान कोई बड़ा चेहरा उनसे मुलाकात को नहीं पहुंचा।
ओवैसी रविवार रात से सोमवार शाम तक दिन भर एक होटल में सियासी नेताओं से मुलाकात का इंतजार करते रहे लेकिन एक दो सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधियों के अलावा कोई दिग्गज चेहरा उनसे मुलाकात करने नहीं पहुंचा, जबकि ओवैसी के जयपुर पहुंचने के बाद उनके रणनीतिकारों की ओर से जयपुर और अलग-अलग जिलों में कई प्रबुद्ध लोगों और दिग्गज नेताओं को फोन भी किया गए थे। बावजूद इसके किसी ने भी ओवैसी से मिलना मुनासिब नहीं समझा।
अब इसे लेकर सियासी गलियारों में कई तरह की चचार्एं चल पड़ी हैं। चर्चा इस बात की भी है कि जिन कांग्रेस से असंतुष्ट नेताओं और कई सामाजिक संगठनों से जुड़े नेताओं ने हैदराबाद और दिल्ली जाकर असदुद्दीन ओवैसी को राजस्थान में एमआईएम की एंट्री कराने का न्योता दिया था वह भी अब एमआईएम और ओवैसी से दूरी बनाए हुए हैं।
सूत्रों की माने तो राजस्थान में एमआईएम की संभावनाओं को तलाशने के लिए असदुद्दीन ओवैसी पिछले डेढ़ महीने में दो बार जयपुर आ चुके हैं, जहां वे होटल में ही राजस्थान की सियासी गणित का फीडबैक लेते हैं। बताया जाता है कि दो बार लिए गए फीडबैक से भी ओवैसी संतुष्ट नहीं है और जिन संभावनाओं का फीडबैक उन्हें पूर्व में दिया गया था उसकी संभावनाएं कम ही नजर आती हैं। ऐसे में माना जा रहा है कि ओवैसी मुस्लिम बहुल 40 सीटों पर चुनाव लड़ने का रिस्क शायद ही लें।
हालांकि जयपुर दौरे पर आए ओवैसी ने डेढ़ महीने में एआईएमआईएम पार्टी को राजस्थान में लॉन्च करने का दावा किया है लेकिन और उसी के सामने सबसे बड़ी परेशानी यही है कि राजस्थान में कोई कद्दावर चेहरा उनके पास नहीं है, जिसे एमआईएम की कमान दी जाए और जो अपने दम पर राजस्थान में पार्टी को खड़ा करके मजबूती दे सकें। हालांकि देखने वाली बात यह होगी कि आखिर ओवैसी राजस्थान में एमआईएम की कमान किसे सौंपते है उसके बाद ही तय होगा कि राजस्थान में एमआईएम की क्या स्थिति रहने वाली है।
बताया जाता है कि असदुद्दीन ओवैसी बाहुल्य सीटों पर दांव खेलने के साथ ही आदिवासी अंचल में दांव खेल सकते हैं, कहा जा रहा है कि ओवैसी राजस्थान में भारतीय ट्राइबल पार्टी (बीटीपी)के साथ गठबंधन करके अपने प्रत्याशी उतार सकते हैं।
इससे पहले सोमवार को एआईएमआईएम चीफ ओवैसी ने राजस्थान कांग्रेस के विधायकों को शो पीस करार देते हुए अल्पसंख्यक वर्ग की आवाज बुलंद करने में नाकाम करार दिया था।
राजस्थान में जिन अल्पसंख्यक बाहुल्य सीटों पर ओवैसी की नजर थी उनमें आदर्श नगर, किशनपोल, हवामहल, टोंक, सवाई माधोपुर, धौलपुर, पुष्कर, मसूदा, अजमेर शहर, तिजारा, लक्ष्मणगढ़, रामगढ़, कामां, नगर, बीकानेर पूर्व, सरदार शहर, सूरसागर, शिव, पोकरण, मकराना, चूरू, फतेहपुर, धौलपुर, नागौर, मकराना, डीडवाना, मंडावा, नवलगढ़, नागौर, झंझुनूं, सीकर, दातारामगढ़ जैसे विधानसभा क्षेत्र हैं।
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