Laxmikant Mathuranath Dixit: अयोध्या में राम मंदिर में राम लला की मूर्ति का प्राण-प्रतिष्ठा समारोह की तैयारी तेजी से की जा रही है। यह आयोजन 22 जनवरी को होना है। इस महोत्सव में वाराणसी के वैदिक कर्मकांड विद्वान पं. लक्ष्मीकांत मथुरानाथ दीक्षित पुजारी के समूह का नेतृत्व करेंगे।

बता दें कि पं. लक्ष्मीकांत मथुरानाथ की वंश परंपरा 17वीं सदी के प्रसिद्ध काशी विद्वान गागा भट्ट से मिलती है। जिन्होंने छत्रपति शिवाजी के राज्याभिषेक की अध्यक्षता की थी। लक्ष्मीकांत मूर्ति प्रतिष्ठा अनुष्ठान को संपन्न कराने के लिए पूरे भारत से वेदों की सभी शाखाओं के 121 विद्वानों की एक टीम का नेतृत्व करेंगे। जिसमें काशी के 40 से अधिक विद्वान शामिल होंगे।

अभिषेक की देखरेख की जिम्मेदारी सौंपी गई

यह आयोजन 16 से शुरु होकर 22 जनवरी तक चलेगा। इसे लेकर लक्ष्मीकांत ने कहा कि “ मुझे महान साधु-संतों का आशीर्वाद है कि काशी और मुझे राम लला के अभिषेक की देखरेख की जिम्मेदारी सौंपी गई है। मैं भगवान राम के आशीर्वाद से अपने कर्तव्यों का पालन करूंगा।” अभिषेक की तारीखें तय करने के लिए भी दीक्षित सहित विद्वानों की एक टीम अयोध्या भेजी गई थी।

कितनी हुई तैयारी

बता दें कि आचार्य लक्ष्मीकांत के नेतृत्व में 16 जनवरी की दोपहर से सर्व प्रायश्चित होम, दशविद स्नान, यजमान द्वारा अपना स्थान ग्रहण करेगी। साथ ही अन्य बुनियादी अनुष्ठान करना शुरू कर देंगे।

17 जनवरी को जलयात्रा, तीर्थ और कलश यात्रा के साथ अनुष्ठानों की श्रृंखला शुरू होगी। मिल रही जानकारी के मुताबिक राम के बाल रूप को दर्शाने वाली मूर्ति 90% तैयार हो गई है। जिसे गर्भगृह में स्थापित किया जाएगा। कर्नाटक और राजस्थान के पत्थरों से बनी मूर्तियों के फिनिशिंग कार्य में एक सप्ताह और लगेगा। वहीं मंदिर का भूतल लगभग तैयार हो चुका है।

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