Leh Violence: लेह-लद्दाख में हुई हिंसा की घटनाओं के पीछे की बातें धीरे-धीरे सामने आ रही हैं. अचानक इतने लोग कहाँ से आ गए? सिर्फ़ कुछ लोगों को ही क्यों निशाना बनाया गया? जानबूझकर दफ्तरों में आग लगाई गई. सुरक्षा सूत्रों के अनुसार, लेह हिंसा में ‘नेपाल कनेक्शन’ है। नेपाली नागरिकों और नाबालिगों को लाया गया और हिंसा में भाग लेने के लिए उकसाया गया. 20 से ज़्यादा नेपाली नागरिक पुलिस की नज़र में हैं. सुरक्षा बलों के साथ उच्च स्तरीय बैठक के बाद, उपराज्यपाल (LG) के.के. गुप्ता ने कहा कि यह लद्दाख में अशांति भड़काने की साजिश थी. इस साजिश में राजनीतिक पार्टियां शामिल थीं। हिंसा के दौरान सात नेपाली नागरिक घायल हो गए.
न्यूज़18 इंडिया को दिए इंटरव्यू में, LG ने साफ कहा कि यह कोई अचानक हुई घटना नहीं थी, बल्कि लद्दाख को अस्थिर करने की एक सोची-समझी साजिश थी. उपराज्यपाल ने आरोप लगाया कि इस पूरे मामले में एक राजनीतिक पार्टी शामिल थी और हिंसा भड़काने के लिए बाहर से लोग लाए गए थे. LG ने यह भी कहा कि हिंसा के दौरान सात नेपाली नागरिक घायल हुए थे, जिससे विदेशी दखल का शक और गहरा हो गया.
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कई लोग लेह से भाग गए
लेह-लद्दाख के उपराज्यपाल ने कहा कि उन्हें इस बात की पूरी जानकारी है कि कौन विदेश यात्रा करता है और फंडिंग कहाँ से आती है। GEN-Z, बांग्लादेश और श्रीलंका का नाम लेकर हिंसा भड़काने वालों को बख्शा नहीं जाएगा. LG के अनुसार, हिंसा के बाद कई लोग लेह से भाग गए और मामले की गहन जांच चल रही है. दोषियों को सजा दी जाएगी और गुनहगारों को छोड़ा नहीं जाएगा.
नेपाल कनेक्शन कहाँ से आया?
लद्दाख हिंसा की जांच कर रहे पुलिस सूत्रों के अनुसार, यह हिंसा एक पहले से तय योजना के अनुसार भड़काई गई थी. पुलिस को यही शक है और अब तक 50 से ज़्यादा लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जिनमें कई नाबालिग भी शामिल हैं. गिरफ्तार लोगों में कुछ नेपाली नागरिक भी हैं, जिन पर लद्दाख में हिंसा में भूमिका निभाने का शक है.
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