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अजय त्रिवेदी, इंडिया न्यूज, लखनऊ:
Liquor Sale In UP Brakes Record उत्तर प्रदेश में शराब की बिक्री में इजाफे के साथ ही सरकारी खजाने में पहुंचने वाला आबकारी राजस्व भी खासा बढ़ा है। यूपी में चुनावी साल में भी जमकर शराब की बिक्री हुयी और सरकार की कमाई में खासी बढ़ोत्तरी हुयी है। प्रदेश में वित्त वर्ष 2021-22 में शराब की बिक्री ने रिकार्ड बनाते हुए कमाई के मामले में 20 फीसदी की वृद्धि दर्ज की है।
आबकारी विभाग (Excise Department) के आंकड़ों के मुताबिक साल 2021-22 में आबकारी विभाग की रिकॉर्ड कमाई करते हुए उत्पाद शुल्क के रुप में सरकारी खजाने में 36208.44 करोड़ रुपये जमा किए हैं। वहीं वित्त वर्ष 2020-21 में प्रदेश में शराब की बिक्री से कुल 30061.44 करोड़ रुपए का राजस्व प्राप्त हुआ था। इस तरह से बीते एक साल में ही प्रदेश में 6147 करोड़ रुपये की ज्यादा कमाई शराब की बिक्री से हुई है।
आबकारी विभाग के मुताबिक बीते वित्त वर्ष में भी सबसे ज्यादा शराब की बिक्री चुनावों का ऐलान होने के बाद जनवरी और फरवरी में हुई है। अकेले जनवरी के महीने में सरकारी खजाने में आबकारी रास्व की हिस्सेदारी 3471.41 करोड़ रुपये रही है।
इसी साल फरवरी में देशी, अंग्रेजी शराब और बीयर की बिक्री में खासा इजाफा देखने को मिला था। फरवरी के महीने में देशी शराब की बिक्री 13 फीसदी, अंग्रेजी की 18 तो बीयर की बिक्री में 58.6 फीसदी का इजाफा देखने को मिला। जनवरी और फरवरी 2022 में आबकारी विभाग ने लक्ष्य से करीब 114.9 फीसदी ज्यादा राजस्व हासिल किया है। कोविड प्रतिबंधों में ढील देने के बाद जनवरी फरवरी के महीनों में शराब की दुकानों के खुलने के समय को एक घंटा का बढ़ाया गया था।
आबकारी विभाग के अधिकारियों का कहना है कि बीते पांच सालों में प्रदेश में नयी शराब की दुकाने खालने की अनुमति दी गयी है। योगी सरकार के पहले कार्यकाल में 2017-18 के बाद से अब तक प्रदेश में 2076 नयी शराब की दुकानों को लाइसेंस दिया गया है। हालांकि इससे पहले पांच सरकार के अखिलेश यादव सरकार के कार्यकाल में 2566 नयी तो उससे भी पहले मायावती के पांच सालों की सरकार के दौराना 3621 नयी शराब की दुकानें खोलने के लाइसेंस दिए गए थे।
गौरतलब है कि बीते पांच सालों के योगी सरकार के कार्यकाल में आबकारी राजस्व से होने वाली कमाई में 258 फीसदी के लगभग बढ़ोत्तरी हुयी है। कोविड की पहली लहर में शराब की दुकानों की डेढ़ महीने तक चली बंदी के बाद भी आबकारी राजस्व के सालाना राजस्व के लक्ष्य में कमी नहीं दर्ज की गयी थी।
Liquor Sale In UP Brakes Record
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