संबंधित खबरें
11 दिन तक रोके गए सभी राजनितिक कार्य, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का पूर्ण राजकीय सम्मान से होगा अंतिम संस्कार, सुबह 11 बजे होगी कैबिनेट बैठक
26 से मनमोहन सिंह का वो गहरा नाता…जन्म से लेकर मृत्यु तक नहीं छोड़ा इस अंक ने अर्द्धशात्र का पीछा, जानें क्या थी कहानी
कहानी से किताब फिर बना विवाद…ऐसे कहलाए 'सिंह इज किंग' आप, आखिर क्यों मनमोहन सिंह को कहा गया 'एक्सीडेंटल प्राइम मिनिस्टर'?
कैसे ऑक्सफोर्ड में पढ़ाई करने वाले शख्स ने संभाली दुनिया के सबसे बड़े डेमोक्रेसी की बागडोर , पूरी दुनिया में होती है Manmohan Singh के उदार नीतियों की सराहना
श्री मनमोहन सिंह जी के निधन की खबर सुनते ही एम्स पहुंची Priyanka Gandhi, सामने आया सबसे पहला वीडियो
कैसे एक बजट से मनमोहन सिंह ने बचा लिया था देश! इस तरह Manmohan Singh की हुई थी राजनीति में एंट्री
India News (इंडिया न्यूज़), Lok Sabha Election 2024: आज सभी के लिए वोटर ID बहुत ही जरुरी बन गया है, क्योंकि इसका उपयोग मतदान के अलावा अन्य स्थानों पर भी पहचान पत्र और पते के प्रमाण के रूप में भी किया जाता है। चुनावों में फर्जी मतदान को रोकने के लिए मतदाता पहचान पत्र की शुरुआत साल 1993 में की गई थी, लेकिन इसे जारी करने का सुझाव पहली बार 1957 में ही दिया गया थी जिसके बाद कई कठिनाइयों और भारी खर्चों के कारण इसे मतदाताओं तक पहुंचने में तीन दशक से ज्यादा का समय लग गया।
दरअसल चुनाव आयोग ने साल 1962 के लोकसभा चुनावों पर अपनी रिपोर्ट में कहा था कि 1957 के आम चुनावों के बाद घनी आबादी वाले शहरी इलाकों में सभी मतदाताओं को पहचान पत्र जारी करने का सुझाव दिया गया था। माना जा रहा था कि इससे चुनाव के समय वोटर की पहचान करने में मदद मिलेगी। बाद में इस पर पायलट प्रोजेक्ट चलाया गया।
मतदाताओं को फोटो पहचान पत्र जारी करने का एक पायलट प्रोजेक्ट साल 1960 में चलाया गया था। मौका था कि कलकत्ता (दक्षिण पश्चिम) लोकसभा का उपचुनाव। हालांकि, यह प्रोजेक्ट आगे जाकर सफल नहीं रहा। बड़ी संख्या में महिला मतदाताओं ने पुरुष या महिला फोटोग्राफरों से फोटो खिंचवाने से इनकार कर दिया। ऐसे में 10 महीने में सिर्फ 2.10 लाख पहचान पत्र ही जारी हो सके थे।
ये भी पढ़े-NEET MDS Admit Card 2024: NEET MDS एग्जाम का आज आएगा एडमिट कार्ड, जानिए कैसे कर सकेंगे डाउनलोड
चुनाव आयोग द्वारा प्रकाशित पुस्तक ‘लीप ऑफ फेथ’ के मुताबिक, फोटो पहचान पत्र जारी करने का प्रावधान लोक प्रतिनिधित्व (संशोधन) विधेयक, 1958 में किया गया था। अशोक कुमार सेन, तत्कालीन कानून मंत्री और भारत के छोटे भाई प्रथम मुख्य चुनाव आयुक्त सुकुमार सेन ने 27 नवंबर, 1958 को संसद के निचले सदन में विधेयक पेश किया। यह विधेयक 30 दिसंबर, 1958 को कानून बन गया।
चुनाव आयोग ने 2021 में वोटर आईडी कार्ड (ई-ईपीआईसी) का इलेक्ट्रॉनिक संस्करण लॉन्च किया। यह वोटर आईडी कार्ड का एक सुरक्षित पीडीएफ संस्करण है। इसे संपादित नहीं किया जा सकता। आप इसे मोबाइल पर डाउनलोड करके स्टोर कर सकते हैं।
ये भी पढ़े- Delhi Air Pollution: दिल्ली- NCR की वायु गुणवत्ता में सुधार, जानें आज का AQI लेवल
Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.