India News(इंडिया न्यूज),Lok Sabha Election 2024: अमेरिका में भारत के पूर्व राजदूत तरणजीत सिंह संधू ने मंगलवार 19 मार्च को बीजेपी की सदस्यता ले ली। अमृतसर में जन्मे और पले-बढ़े संधू को बीजेपी वहां से लोकसभा चुनाव में अपना उम्मीदवार बना सकती है। यदि ऐसा होता है, तो संधू आगामी आम चुनाव में भाजपा से चुनाव लड़ने वाले दूसरे भारतीय विदेश सेवा (आईएफएस) अधिकारी होंगे।
2022 में विदेश सचिव पद से रिटायर हुए हर्ष श्रृंगला इस बार दार्जिलिंग से चुनाव लड़ रहे हैं। रिटायरमेंट के बाद से श्रृंगला अपने होम टाउन दार्जिलिंग में ही डेरा डाले हुए हैं और पिछले छह महीने से वह अपनी पत्नी के साथ मिलकर अपने पक्ष में माहौल बनाने की कोशिश भी कर रहे हैं। दार्जिलिंग बीजेपी का पुराना गढ़ है और श्रृंगला को उनका गृह नगर होने का फायदा भी मिलने की संभावना है।
राजनीतिक गलियारों में यह भी चर्चा है कि बीजेपी विदेश मंत्री एस जयशंकर को भी किसी संसदीय सीट से सीधे लोकसभा में जाने का टिकट दे सकती है। विदेश सेवा के लोगों का बीजेपी के प्रति और बीजेपी का आईएफएस के प्रति लगाव पुराना है।
2014 में जब नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री बने तो उन्होंने देश की विदेश नीति को लेकर एक नई शैली पेश की। इसके माध्यम से विदेश सेवा विभाग को अधिक सक्रिय एवं गतिशील बनाया गया। पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने दुनिया के हर देश के भारतीय दूतावासों, उच्चायोगों और मिशनों को सीधे आम आदमी के लिए खोल दिया। इन मिशनों के माध्यम से प्रधानमंत्री ने प्रवासी भारतीयों से सीधा संवाद शुरू किया। इसके साथ ही भारतीय विदेश मंत्रालय का अंदाज आक्रामक बना दिया गया।
2019 में जब पीएम मोदी को दोबारा सरकार बनाने का मौका मिला तो उन्होंने पूर्व विदेश सचिव (2018 में रिटायर) एस जयशंकर को विदेश मंत्रालय की कमान सौंपी। आज जयशंकर वैश्विक मंच पर सबसे मुखर विदेश मंत्री हैं, जो न सिर्फ भारत की वैश्विक नीति को स्पष्ट और धारदार तरीके से पेश करने के लिए पहचाने जाते हैं बल्कि देश के भीतर उनकी लोकप्रियता भी लगातार बढ़ रही है।
जयशंकर से पहले पीएम मोदी ने साल 2017 में अपनी कैबिनेट में विदेश विभाग के पूर्व अधिकारी हरदीप सिंह पुरी को आवास एवं शहरी विकास मंत्रालय की जिम्मेदारी दी थी। बेहद सफल राजनयिक करियर के बाद, पुरी 2014 में भाजपा में शामिल हो गए।
मोदी के दूसरे कार्यकाल में पुरी को पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय और शहरी विकास जैसे दो बेहद अहम मंत्रालयों की जिम्मेदारी दी गई है। इस तरह देखा जाए तो आज भारतीय विदेश सेवा के चार पूर्व अधिकारी बीजेपी में शामिल हो गए हैं। इनमें से दो मोदी कैबिनेट में अहम मंत्रालयों के प्रमुख हैं।
यह पहली बार नहीं है कि पूर्व आईएफएस अधिकारियों को केंद्र सरकार में बड़ी जिम्मेदारी दी गई है। मनमोहन सिंह के पहले कार्यकाल के दौरान तीन अहम मंत्रालयों की जिम्मेदारी पूर्व आईएफएस अधिकारियों ने संभाली थी। इसमें नटवर सिंह विदेश मंत्री थे जबकि मणिशंकर अय्यर पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय और पंचायती राज मंत्री थे।
पूर्व आईएफएस अधिकारी मीरा कुमार को सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय की जिम्मेदारी दी गई। डॉ। सिंह के दूसरे कार्यकाल (2009-2014) में मीरा कुमार को लोकसभा अध्यक्ष बनाया गया। संयुक्त राष्ट्र के महासचिव रह चुके शशि थरूर ने मनमोहन सिंह सरकार में विदेश राज्य मंत्री के रूप में भी काम किया है।
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