India News(इंडिया न्यूज),Lok Sabha Election: लोकसभा चुनाव के महौल के बीच देश के गृह मंत्री अमित शाह ने उत्तर प्रदेश की ओर निगाह करते हुए समाजवादी पार्टी पर निशाना साधा जहां केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने रविवार को 13 लोकसभा सीटों की समीक्षा की, वंशवाद की राजनीति को लेकर समाजवादी पार्टी (सपा) पर निशाना साधते हुए कहा कि, मतदाताओं के लिए विकल्प उन लोगों के बीच है जिन्होंने कारसेवक पर गोली चलाई और जिन्होंने अयोध्या में राम मंदिर बनाया और आश्वासन दिया कि भाजपा की आरक्षण खत्म करने की कोई योजना नहीं है और न ही वह किसी को ऐसा करने देगी।

  • अमित शाह का यूपी दौरा
  • वंशवाद और राजनीति पर सपा को घेऱा
  • मैनपुरी से सपा ने डिंपल यादव को बनाया उम्मीदवार

मैनपुरी और एटा में रैलियों को किया संबोधित

जानकारी के लिए बता दें कि, शाह मैनपुरी और एटा में लोकसभा चुनाव रैलियों को संबोधित कर रहे थे, जहां 7 मई को तीसरे चरण में मतदान होना है। रैलियों के बाद शाह ने उत्तर प्रदेश में 2014 और 2019 में भाजपा की अभूतपूर्व लोकसभा चुनाव जीत के पीछे का दिमाग बताया। पहले दो चरणों में कम मतदान के बाद चिंता पैदा करने वाली भाजपा चुनाव मशीनरी को दुरुस्त करने और मतदान प्रतिशत को बढ़ाने के लिए कानपुर में पार्टी नेताओं के साथ राज्य की 13 संसदीय सीटों की व्यापक समीक्षा की।

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शाह का अखिलेश से सवाल

इसके साथ ही शाह ने पूछा, वह (अखिलेश) अपने परिवार के सदस्यों के अलावा किसी अन्य यादव को चुनाव क्यों नहीं लड़वा सकते। इसके साथ ही उन्होने कहा कि, “अखिलेश यादव यादव समुदाय के चैंपियन होने का दावा करते हैं, लेकिन मैं उनसे पूछना चाहता हूं कि उन्हें अपने परिवार के अलावा कोई और यादव चुनाव लड़ने के लायक क्यों नहीं लगता। मुलायम सिंह यादव के बाद उनके बेटे अखिलेश यादव मुख्यमंत्री बने और कन्नौज से चुनाव लड़ रहे हैं. डिंपल यादव मैनपुरी से सांसद बनीं और फिर से मैदान में हैं. परिवार के अन्य सदस्यों में अक्षय यादव शामिल हैं जो फिरोजाबाद से चुनाव लड़ रहे हैं, धर्मेंद्र यादव आज़मगढ़ से और आदित्य यादव बदांयू से चुनाव लड़ रहे हैं।’

शाह का दावा

वहीं शाह ने दावा करते हुए कहा कि, “क्या इस तरह कोई यादवों का शुभचिंतक होने का दावा कर सकता है? अखिलेश यादव ने उस कांग्रेस से हाथ मिला लिया है, जिसने कर्नाटक में अपने शासनकाल के दौरान आरक्षण में पिछड़ों की हिस्सेदारी घटाकर मुसलमानों को दे दी थी। जहां शाह ने आरोप लगाया कि कांग्रेस ने मंडल आयोग की रिपोर्ट को वर्षों तक रोके रखा और फिर भी वे खुद को पिछड़ों का नेता होने का दावा करते हैं।

सपा ने डिंपल यादव को बनाया उम्मीदवार

सपा के गढ़ मैनपुरी में भाजपा ने मौजूदा सांसद और अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव के खिलाफ उत्तर प्रदेश के मंत्री जयवीर सिंह को मैदान में उतारा है। पूर्व मुख्यमंत्री और राजस्थान व हिमाचल प्रदेश के पूर्व राज्यपाल कल्याण सिंह के बेटे और दो बार के मौजूदा सांसद राजवीर सिंह एटा में भाजपा के उम्मीदवार हैं। शाह ने मौजूदा संसदीय चुनावों में बीजेपी को बड़ी बढ़त मिलने का दावा किया और कहा, ‘दूसरे चरण (लोकसभा चुनाव) के बाद, पश्चिम यूपी से बीजेपी के पक्ष में एक लहर बह रही है, जो मैनपुरी से होते हुए आज़मगढ़ तक बीजेपी का सफाया कर देगी।’ सभी वंशवादी शासन को बाहर करो। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पहले ही एक शतक से अधिक (सीटें) हासिल कर चुके हैं और (विपक्षी) गठबंधन को पहले दो चरणों में अपना खाता खोलना बाकी है।

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राम मंदिर प्रतिष्ठा में अखिलेश नहीं हुए थे शामिल

इसके साथ ही 22 जनवरी को अयोध्या में राम मंदिर प्रतिष्ठा समारोह में शामिल न होने के लिए सपा नेतृत्व पर हमला करते हुए शाह ने कहा, ”अखिलेश यादव और डिंपल मैडम को निमंत्रण दिया गया था, लेकिन कोई भी अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा समारोह में नहीं आया, लेकिन जाकर फातिहा पढ़ने का विकल्प चुना।” एक माफिया की कब्र पर (अखिलेश द्वारा इस महीने की शुरुआत में गैंगस्टर-राजनेता मुख्तार अंसारी के आवास पर जाने का संदर्भ, जिनकी 28 मार्च को बांदा में दिल का दौरा पड़ने से मृत्यु हो गई थी)। मतदाताओं को यह तय करना होगा कि वे कारसेवकों पर गोली चलाने वालों को वोट देंगे या अयोध्या में राम मंदिर बनाने वालों को वोट देंगे।