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India News (इंडिया न्यूज), Maharashtra CM Devendra Fadnavis: महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के रूप में देवेंद्र फडणवीस ने गुरुवार (5 दिसंबर, 2024) शपथ ले ली है। मुंबई के आजाद मैदान में आयोजित भव्य शपथ ग्रहण समारोह में पीएम मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह सहित अन्य भाजपा के कई दिग्गज नेताओं की मौजूदगी में देवेंद्र फडणवीस ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। इसके बाद एकनाथ शिंदे और अजित पवार ने उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली है। पिछली सरकार में देवेंद्र फडणवीस और अजित पवार उपमुख्यमंत्री एवं एकनाथ शिंदे मुख्यमंत्री थे। लेकिन इस बार भाजपा ने 132 सीटों पर जीत हासिल कर मुख्यमंत्री का पद अपने पास रखा है और देवेंद्र फडणवीस को सीएम बनाया है।
अगर हम देवेंद्र फडणवीस के शुरुआती दिनों की बात करें तो, वह नागपुर के रहने वाले हैं। उनके पिता गंगाधर राव फडणवीस भाजपा के एमएलसी थे। वह जनसंघ के सक्रिय सदस्य थे। ऐसे में देवेंद्र को राजनीति की शुरुआती ट्रेनिंग घर पर ही मिली। उनके पिता संघ और भाजपा के सक्रिय सदस्य थे। ऐसे में देवेंद्र फडणवीस भी संघ से जुड़ गए। वह बचपन से ही शाखा में जाने लगे थे। 1975 में देश में आपातकाल लगा दिया गया था। उस समय देवेंद्र की उम्र करीब पांच साल थी। उनके पिता को जेल में डाल दिया गया था। आपातकाल के दौरान इंदिरा गांधी का नाम देश के हर बच्चे की जुबान पर था। देवेंद्र फडणवीस भी इंदिरा गांधी का नाम जानते थे। लेकिन, पिता के जेल जाने की वजह से उन्हें इंदिरा गांधी के नाम से नफरत होने लगी थी।
इस वजह से छोड़ दी थी ये हम आपको जानकारी के लिए बता दें कि, टाइम्स ऑफ इंडिया में छपी उनकी प्रोफाइल में इस घटना का विस्तार से जिक्र किया गया है। दरअसल, गंगाधर फडणवीस ने अपने बेटे का एडमिशन नागपुर के इंदिरा कॉन्वेंट स्कूल में कराया था। यह एक अच्छा स्कूल है। लेकिन, देवेंद्र फडणवीस की बचपन की यादें ऐसी थीं कि उन्हें इंदिरा नाम पसंद नहीं था। इस वजह से उन्होंने इंदिरा कॉन्वेंट स्कूल में पढ़ने से मना कर दिया था। उनके परिवार को भी उनकी जिद के आगे झुकना पड़ा और उनका एडमिशन शहर के ही दूसरे स्कूल सरस्वती विद्यालय में करा दिया गया।
इंदिरा कान्वेंट स्कूल छोड़ने के बाद उनके घर वालों ने उनका एडमिशन सरस्वती विद्यालय में करवा दिया। जहां से फडणवीस ने सीनियर सेकेंडरी स्कूल की परीक्षा पास की। फिर इसके बाद उन्होंने नागपुर से ही लॉ की डिग्री हासिल की। जानकारी के अनुसार, देवेंद्र फडणवीस के पास लॉ की डिग्री है, लेकिन उन्होंने कभी वकालत नहीं की। उनके कॉलेज और स्कूल के दोस्त कहते हैं कि देवेंद्र सबके दोस्त हैं। बचपन से ही वे बहुत अनुशासित व्यक्ति रहे हैं। उन्होंने कभी कोई नियम नहीं तोड़ा। उनकी सबसे अच्छी बात यह है कि वे हर तरह के लोगों से मिलते-जुलते हैं।
कॉलेज के दिनों से ही वे ABVP की गतिविधियों में शामिल रहे। वे महज 22 साल की उम्र में नागपुर नगर निगम में पार्षद बने और महज 27 साल की उम्र में नागपुर के मेयर चुने गए। फिर 1999 में वे विधानसभा पहुंचे। विधानसभा में गोपीनाथ मुंडे और नितिन गडकरी जैसे दिग्गजों की मौजूदगी में उन्होंने अपने सवालों और भाषणों से अपनी छाप छोड़ी।
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