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India News (इंडिया न्यूज), Maharashtra Vidhan Sabha Election, (कनिका कटियार): महाराष्ट्र के महासंग्राम में कांग्रेस के नेतृत्व वाली महाविकास अघाड़ी गठबंधन ने चुनाव के लिए कमर कस ली है। हाल ही में हुए लोकसभा चुनाव में मिली सफलता ने एमवीए गठबंधन में नई ऊर्जा भर दी है। कर्नाटक और तेलंगाना में कांग्रेस की शानदार जीत के बाद पार्टी ने महाराष्ट्र के लिए ख़ास रणनीति तैयार की है।
जानकारो के मुताबिक़ मानें तो मौजूदा हालात में एमवीए को 180 सीटें मिलने का दावा कर रहा है, हालाँकि पार्टी ने 200 का लक्ष्य सामने रखा है। कांग्रेस पार्टी के रणनीतिकारों का मानना है की राज्य भाजपा राज्य में मराठा आंदोलन से मुश्किल में है जिसका नेतृत्व मनोज जदंघे कर रहे हैं, जबकि ओबीसी समुदाय ने भी इसके खिलाफ मोर्चा खोल रखा है, जिसका नेतृत्व लक्ष्मण हेके कर रहे हैं।
पार्टी ने जहां ओबीसी नेता विजय वेट्टीवार और नाना पटोले पर भरोसा जताते हुए उन्हें नेतृत्व की जिम्मेदारी दी है, वहीं मराठा नेता बाला साहेब थोडाट पर भी भरोसा जताया है। आगामी विधानसभा चुनाव में राज्य में शहरी बनाम ग्रामीण पर फोकस करके रणनीति बनाई जा रही है।
पार्टी के रणनीतिकारों का मानना है कि राज्य में विकास सिर्फ़ मुंबई, पुणे और नासिक तक सीमित रहा और अब इसे मुख्य और बड़ा मुद्दा बनाया जा सकता है।
किसानों के मुद्दे, ग्रामीण समस्याएं, महंगाई और बेरोजगारी ग्रामीण महाराष्ट्र के मुद्दे बनने की संभावना है, जबकि शहरी इलाकों में इंफ्रास्ट्रक्चर, महंगाई, बेरोजगारी और प्रति व्यक्ति आय चुनावी मुद्दे बनने की संभावना है।
बेहतर समन्वय और नतीजों के लिए कांग्रेस ने राज्य को छह हिस्सों में बांटा है
1.विदर्भ
2. मुंबई
3. उत्तर महाराष्ट्र (कान्हदेश)
4. पश्चिमी महाराष्ट्र
5.मराठवाड़ा
6.कोंकण
इन हिस्सों में से विदर्भ, मराठवाड़ा और पश्चिम महाराष्ट्र में कांग्रेस के नेतृत्व वाला गठबंधन मजबूत है या कहें कि आगे चल रहा है, जबकि मुंबई, कोंकण और उत्तर महाराष्ट्र में भाजपा मजबूत है।
कांग्रेस सितंबर में आक्रामक प्रचार अभियान की शुरुवात करेगी और इसकी तैयारियां ग्राउंड पर पार्टी ने शुरू कर दी हैं।एआईसीसी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी और कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी प्रचार अभियान की कमान संभालेंगे।
मई महीने में लोकसभा चुनाव के दौरान प्रियंका गांधी ने नादुरबार में ऐतिहासिक रैली की थी और इसकी सफलता को देखते हुए प्रियंका को राज्य चुनाव में भी प्रचार की अहम जिम्मेदारी मिलेगी। उन्हें खास तौर पर शहरी इलाकों में प्रचार की कमान सौंपी जाएगी।
राहुल गांधी दलित/मुस्लिम मतदाताओं वाली सीटों और ग्रामीण इलाकों में प्रचार की जिम्मेदारी संभालेंगे, जहां उनकी लोकप्रियता बढ़ी है। क्योंकि लोकसभा चुनाव में सविधान और आरक्षण के मुद्दे को उठाया और उसका असर लोकसभा में देखने को मिला।
महाराष्ट्र और तेलंगाना की तर्ज पर महाराष्ट्र में भी रणनीतिकार ‘गारंटी’ पर तैयारी कर रहे थे, लेकिन अब मुख्यमंत्री एकमलनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली सरकार की हालिया लोकलुभावन घोषणाओं के बाद इस पर नए सिरे से विचार किया जा रहा है और सरकार को घेरने की रूप रेखा तैयार की जा रही है।
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