India News (इंडिया न्यूज़), Mahua Moitra Expelled: तृणमूल कांग्रेस सांसद महुआ मोइत्रा को लोकसभा से निष्कासित कर दिया गया। एथिक्स कमेटी की रिपोर्ट संसद में पेश की गई। चर्चा के बाद लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने इस प्रस्ताव को मतदान के लिए रखा। इस रिपोर्ट में समिति ने मोइत्रा को निष्कासित करने की सिफारिश की थी। बता दें कि महुआ मोइत्रा 2019 में चुनाव जीतकर पश्चिम बंगाल के कृष्णानगर संसदीय क्षेत्र का प्रतिनिधित्व कर रही थीं।

तीन प्राथमिक आधारों पर दे सकती हैं चुनौती

अब सवाल यह आता है कि क्या महुआ मोइत्रा अपने निष्कासन को चुनौती दे सकती हैं? जिसे लेकर विशेषज्ञों का कहना है कि महुआ मोइत्रा के पास तीन प्राथमिक आधारों पर अदालत में फैसले को चुनौती देने का विकल्प है। जिसमें पहला आधार प्राकृतिक न्याय से इनकार, दूसरा घोर अवैधता और तीसरा दोनों में से किसी एक की असंवैधानिकता।

विशेषज्ञ ने एथिक्स पैनल द्वारा किए गए ‘गंदे सवालों’ और विपक्षी सांसदों के वॉकआउट के मोइत्रा के आरोपों की ओर इशारा करते हुए कहा कि इन मुद्दों के बावजूद, रिपोर्ट तैयार की गई थी। मोइत्रा इन उदाहरणों के आधार पर प्राकृतिक न्याय से इनकार का तर्क दे सकती हैं। इसके अलावा मोइत्रा अपनी शर्तों के अनुसार अपराध के संबंध में सजा की असमानता को उजागर करते हुए अनुच्छेद 20 का इस्तेमाल कर सकती है।

सीबीआई की हो सकती है एंट्री

साथ ही उन्होंने लोकसभा से नियमों की अनुपस्थिति या सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) अधिनियम में पासवर्ड साझा करने पर रोक लगाने वाले प्रावधानों की अनुपस्थिति पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि कई सांसद व्यक्तिगत रूप से प्रश्न प्रस्तुत नहीं करते हैं। विशेषज्ञ का यह भी कहना है कि मामले में भ्रष्टाचार के आरोपों को सही मानते हुए सीबीआई भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत कार्रवाई कर सकती है।

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