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India News (इंडिया न्यूज), India Maldives Relations: भारत और मालदीव के बीच इस साल के शुरू से ही विवाद जारी है। इस बीच मालदीव के विदेश मंत्री मूसा ज़मीर के इस महीने भारत आने की संभावना है। ज़मीर की यात्रा की तारीखों को अंतिम रूप देने के लिए दोनों पक्ष कूटनीतिक रूप से संपर्क में हैं। परंतु आधिकारिक सूत्रों ने सुझाव दिया कि यह अगले सप्ताह की शुरुआत में हो सकता है। अगर ऐसा होता है तो मालदीव के चीन समर्थक राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू के पिछले साल अपने भारत-समर्थक पूर्ववर्ती इब्राहिम सोलिह को हराकर पदभार संभालने के बाद से यह दोनों पक्षों की पहली उच्च स्तरीय यात्रा होगी।
बता दें कि, मालदीव में जब से नई सरकार बनी है, तब से हिंद महासागर के पड़ोसी देश के साथ भारत के संबंधों में बार-बार गिरावट आई है। वहीं राष्ट्रपति मुईज़ू भारत के साथ रक्षा और सुरक्षा सहयोग को सीमित करने के लिए काम कर रहा है। विशेष रूप से भारत सरकार से द्वीपसमूह में भारतीय हेलिकॉप्टरों का संचालन करने वाले सैनिकों को हटाने के लिए कहना और एक द्विपक्षीय समझौते से बाहर निकलना। इससे भारतीय नौसेना को मालदीव के जल क्षेत्र में हाइड्रोग्राफिक सर्वेक्षण करने की अनुमति मिल गई। वहीं मालदीव के विदेश मंत्री का यह यात्रा भारतीय संसदीय चुनावों के बीच में होगी। जिससे ज़मीर संभवत आखिरी हाई-प्रोफाइल विदेशी गणमान्य व्यक्ति बन जाएंगे। जिसकी भारत पीएम नरेंद्र मोदी के दूसरे कार्यकाल के दौरान मेजबानी करेगा।
बता दें कि, यह यात्रा 10 मई की उस समय सीमा के आसपास भी होगी जो माले ने भारत के लिए अपने सैनिकों को वापस बुलाने और उनके स्थान पर नागरिकों को नियुक्त करने के लिए निर्धारित की थी। भारत ने उस देश के भू-राजनीतिक महत्व को ध्यान में रखते हुए अनिच्छा से इस मांग को स्वीकार कर लिया। जहां से अधिकांश प्रमुख हिंद महासागर शिपिंग मार्ग गुजरते हैं और जहां चीन ने मुइज्जू के शीर्ष कार्यालय पर कब्जा करने के बाद से नाटकीय वापसी की है। वहीं दोनों देशों के बीच रक्षा और सुरक्षा सहयोग को आगे बढ़ाने के तरीकों पर भी चर्चा होने की संभावना है।
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