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इंडिया न्यूज, कोलकाता, (Mamata Banerjee) : ममता बनर्जी ने कैबिनेट का विस्तार किया है। राजभवन में राज्यपाल एल गणेशन ने नौ मंत्रियों को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। इनमें 7 कैबिनेट और 2 स्वतंत्र प्रभार के मंत्री हैं। ममता ने विधानसभा चुनाव के बाद सितंबर 2021 में भाजपा छोड़ तृणमूल में आए पूर्व सांसद बाबुल सुप्रियो को भी मंंत्री बनाया है।
कैबिनेट मिनिस्टर बाबुल सुप्रियो, स्नेहाशीष चक्रवर्ती, पार्थ भौमिक, उदयन गुहा, प्रदीप मजूमदार, तजमुल हुसैन, सत्यजीत बर्मन को बनाया गया है। जबकि मंत्री स्वतंत्र प्रभार के मंत्री बीरबाहा हंसदा, बिप्लब रॉय चौधरी को बनाया गया हैं। पार्थ चटर्जी मामले में काफी किरकिरी होने के बाद ममता बनर्जी ने अपने मंत्रियों को हिदायत दी है कि वे गलत काम करने से बचें। उन्होंने कहा कि मैं किसी गलत इंसान को नहीं बचाऊंगी।
ममता परफॉर्मेंस के आधार पर 3-4 मंत्रियों को हटा भी सकती हैं। यह खबर है कि इन सभी को संगठन के कामकाज में लगाया जाएगा। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार जिन मंत्रियों को हटाने की संभावना है। उनमें सोमेन महापात्रा, परेश अधिकारी, चंद्रकांत सिंह और मलय घटक के नाम शामिल है।
सोमवार को कैबिनेट बैठक के बाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा था कि सुब्रत मुखर्जी, साधन पांडे के निधन और पार्थ के जेल जाने से सरकार का कामकाज काफी प्रभावित हो रहा है। इसलिए शीघ्र ही कैबिनेट विस्तार किया जाएगा। ममता के इस बयान के कुछ देर बाद ही तृणमूल जिला संगठन में बड़ा बदलाव किया गया।
ममता बनर्जी कैबिनेट में टॉप-5 में से 4 मंत्री पिछले 14 महीने में हट चुके हैं। ऐसे में सरकार का कामकाज सीधे तौर पर प्रभावित हो रहा है। बंगाल में 2023 में पंचायत चुनाव और 2024 में लोकसभा चुनाव होने वाले है। ऐसे में ममता बनर्जी अभी से संगठन और सरकार को और मजबूत बनाने में जुट गई हैं।
ममता कैबिनेट के बड़े-बड़े विभागों में अनुभवी मंत्रियों की कमी है। सुब्रत मुखर्जी और साधन पांडे के निधन के बाद से पंचायती राज, पीएचई, खाद्य और उपभोक्ता और सहकारिता विभाग में कोई मंत्री नहीं है, जबकि पार्थ के हटने से वाणिज्य और उद्योग का प्रभार भी ममता के पास आ गया है। ऐसे में इन विभागों की जिम्मेदारी किसे दी जाएगी, यह आने वाले समय में स्पष्ट हो पाएगा।
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