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Mamata Banerjee facts in Hindi: विधायक की शपथ लेंगी दीदी, जानलेवा हमलों से कई बार जूझी ममता बनर्जी

India News Editor • LAST UPDATED : October 7, 2021, 12:24 pm IST

इंडिया न्यूज, नई दिल्ली:
Mamata Banerjee facts in Hindi: जबरदस्त टक्कर के बाद मुख्यमंत्री बनने वाली ममता दीदी ने आज विधायक पद की शपथ ली। आज उनकी उम्र 66 साल है। उन्होंने भवानीपुर से प्रियंका टिबरेवाल को 58 हजार से भी ज्यादा वोटों से हराया। जीतने के बाद बोलीं, 46% नॉन बंगालियों ने मुझे चुना है। इस चुनाव परिणाम से ममता को हराने का सपना देखने वाले विरोधियों को चौंका दिया है।

आइये बात करते हैं दीदी की सक्रियता की। कॉलेज के दिनों से राजनीति में आने वालीं दीदी ने कई चुनौतियां सहीं। उन्होंने हार नहीं मानी। 1990 में जानलेवा हमला, 1993 में पुलिस से पिटना तक सहा। इसके बावजूद उनके हौसले कम होने के स्थान पर बढ़ते गए। अब उनका सपना भाजपा को केंद्र की सत्ता से हटाने का है।

Mamata Banerjee facts in Hindi दीदी का आगे का प्लान

पश्चिम बंगाल की राजनीति में गहरी पकड़ रखने वाले लोग कहते हैं कि ममता विपक्ष का बड़ा चेहरा बनना चाहती हैं। भाजपा को केंद्र से हटाना उनका सबसे लक्ष्य है। उन्होंने अपने भतीजे अभिषेक बनर्जी को पार्टी का राष्ट्रीय महासचिव नियुक्त किया है। वे फिलहाल चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर के साथ मिलकर काम कर रहे हैं। त्रिणमुल कांग्रेस गोवा, नॉर्थ ईस्ट, असम, त्रिपुरा, मेघालय में अपना संगठन बनाना शुरू कर चुकी है। इन राज्यों में चुनाव लड़ने की तैयारी है। कोशिश ये है कि 2024 के लोकसभा चुनाव के पहले, इन राज्यों में अपनी मौजूदगी दर्ज करवाई जाए, जिससे देश को यह मैसेज मिले कि टीएमसी बंगाल के बाहर भी ताकत रखती है।

Mamata Banerjee facts in Hindi दीदी का फोकस रहेगा बंगाल पर

ममता अपना फोकस बंगाल पर बनाए रखना चाहती हैं। इसी कारण बाहर का काम अभिषेक को दिया है। वे 2024 के लोकसभा चुनाव में बंगाल में भाजपा को जीरो बनाना चाहती हैं। अभी उनके बंगाल में 17 सांसद हैं। भवानीपुर में जीत के बाद ममता ने कहा कि 46% नॉन बंगाली ने उन्हें वोट दिया। इसके जरिए कहीं न कहीं ये मैसेज भी देने की कोशिश है कि बंगाली हों चाहे नॉन बंगाली, सभी उन्हें पसंद करते हैं। 2024 में टीएमसी का रोल कितना बड़ा होगा, ये 2023 तक स्पष्ट हो जाएगा। जिन राज्यों में टीएमसी चुनाव लड़ने जा रही है, वहां के नतीजे उसका भविष्य काफी हद तक तय करेंगे।

Mamata Banerjee facts in Hindi धर्म को ले आई थी राजनीति में

धर्म को बंगाल की राजनीति में लाने वाली ममता ही हैं, 2019 के बाद उन्होंने सॉफ्ट हिंदुत्व की राजनीति भी शुरू की। धर्म को बंगाल की राजनीति में लाने का काम ममता बनर्जी ने ही किया। 34 साल के वामपंथ शासन में धर्म का बंगाल की राजनीति में कोई रोल नहीं था। 2008-09 में ममता ने पहले मुस्लिम तुष्टिकरण की राजनीति शुरू की, लेकिन 2019 के लोकसभा चुनाव में उन्हें इसका खामियाजा भुगतना पड़ा। इखढ ने 42 में से 18 सीटें जीत लीं। इसके बाद ममता ने सॉफ्ट हिंदुत्व की राजनीति भी शुरू कर दी।

Mamata Banerjee facts in Hindi धार्मिक स्थलों पर अत्यधिक खर्च

ममता ने धार्मिक स्थानों पर बहुत खर्च किया। फिर चाहें वो मुस्लिमों के हों या हिंदुओं के हों। मंदिरों का जीर्णोद्धार किया गया। दुर्गा पूजा में पहले जहां सिर्फ सेलिब्रिटी शिरकत करते थे वहीं ममता ने इसे पूरी तरह से बदलकर रख दिया। दुर्गा पूजा का सबसे बड़ा हाइलाइट वे खुद बन गईं।

Mamata Banerjee facts in Hindi मुस्लिमों का भी मिला समर्थन

एक रिपोर्ट में भारत में मुसलमानों की दयनीय स्थिति के बारे में बताया गया था। बंगाल में उन्हें बहुत पिछड़ा बताया गया था।) के बाद बंगाल में सत्तासीन भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) से मुस्लिम वोट दूर हो गया।भूमि अधिग्रहण का किया था विरोध इसी समय को ममता ने भुनाया। मुस्लिम कम्युनिटी ने भी ममता के विरोध प्रदर्शनों में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। जमीन अधिग्रहण को लेकर हुए विरोध प्रदर्शन में ममता का समर्थन किया। फिर ममता ने मुस्लिमों को एक कम्युनिटी के तौर पर एड्रेस करना शुरू कर दिया और हिंदुओं को भी एक कम्युनिटी की तरह ही एड्रेस करने लगीं।

Mamata Banerjee facts in Hindi अब अल्पसंख्यकों के समर्थन में दीदी
2019 के बाद से उन्होंने सॉफ्ट हिंदुत्व को अपनाया। अब वे अल्पसंख्यकों को प्रोटेक्ट भी कर रही हैं और बहुसंख्यक को लुभा भी रही हैं। एक्सपर्ट्स कहते हैं कि अब ममता सॉफ्ट हिंदुत्व की पॉलिटिक्स कर रही हैं।

Mamata Banerjee facts in Hindi हमलों से हमेशा मजबूत हुईं ममता

6 अगस्त 1990 को सीपीए (एम) के गुंडे लालू आलम ने ममता बनर्जी पर जानलेवा हमला किया था। तब वे यूथ कांग्रेस की लीडर थीं। उस घटना के बाद ममता कांग्रेस की फायर ब्रांड नेता के रूप में उभरीं। फिर 1993 में तत्कालीन उट ज्योति बसु के सामने ही ममता को राइटर्स बिल्डिंग के सामने घसीटकर बाहर कर दिया गया था। इससे वो फिर हर जगह चर्चा में आ गईं।

Mamata Banerjee facts in Hindi हमले का इंपैक्ट कि सरकार में आ गईं

2006-07 में नंदीग्राम-सिंगूर आंदोलन के वक्त भी उन पर हमला करने की कोशिश हुई, नतीजा ये हुआ कि वो 2011 में सरकार में आ गईं। 2021 के चुनाव में उन्होंने दावा किया कि, कुछ लोगों ने उन पर हमला किया। उन्होंने व्हीलचेयर पर प्रचार किया था। टीएमसी ने 294 में से 211 सीटें जीतीं।

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