Mamta Banerjee and Mayawati raised questions on the budget: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले मोदी सरकार का आखिरी पूर्ण बजट पेश किया। अपने 84 मिनट के भाषण में, निर्मला सीतारमण ने शिक्षा, ऑटो और बुनियादी ढांचे से लेकर रक्षा तक विभिन्न क्षेत्रों के लिए कई नीतियों की घोषणा की। बुधवार को संसद में केंद्रीय बजट 2023-24 पेश करते हुए, सीतारमण ने नई कर व्यवस्था के तहत आयकर छूट की सीमा को 5 लाख रुपये से बढ़ाकर 7 लाख रुपये करने की घोषणा की।
बजट पेश किए जाने के बाद विपक्ष के कई नेताओं ने इस पर प्रतिक्रियाएं दी है। कांग्रेस के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे से लेकर, पूर्व वित्त मंत्री पी चिंदबरम ने कहा है कि इसमें आम लोगों की फायदे की बात नहीं की गई है। बजट पर मीडिया से बातचीत के दौरान सीएम ममता बनर्जी ने भी प्रतिक्रिया दी है। सीएम ने कहा है कि यह केंद्रीय बजट भविष्यवादी नहीं है, पूरी तरह अवसरवादी, जनविरोधी और गरीब विरोधी है। इससे एक वर्ग के लोगों को ही फायदा होगा। यह बजट देश की बेरोजगारी के मुद्दे को हल करने में मदद नहीं करेगा। इसे 2024 के लोकसभा चुनाव को देखते हुए तैयार किया गया है।
मायावती ने इस बजट पर अपनी प्रतीक्रिया देते हुए कहा कि इस वर्ष का बजट भी कोई ज्यादा अलग नहीं हैं। पिछले साल की कमियाँ कोई सरकार नहीं बताती और नए वादों की फिर से झड़ी लगा देती है जबकि जमीनी हकीकत में 100 करोड़ से अधिक जनता का जीवन वैसे ही दांव पर लगा रहता है जैसे पहले था। मायावती ने आगे कहा कि भारत के 130 करोड़ गरीबों, मजदूरों, वंचितों, किसानों आदि का विशाल देश है जो अपने अमृतकाल को तरस रहे हैं, लेकिन सरकार इससे बेपरवाह होकर योजनाएं बनाए जा रही है। मायावती ने अंत में कहा कि बजट पार्टी से ज्यादा देश के लिए हो तो बेहतर।
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