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India News,(इंडिया न्यूज),Manipur: मणिपुर (Manipur) हिंसा को लेकर देश में गर्माहट अभी तक बरकरार है। जिसके बाद मणिपुर की राज्यपाल अनुसुइया उइके ने गुरुवार को सीआरपीएफ के महानिरीक्षक संदीप दत्ता को राज्य में जल्द से जल्द शांति और सामान्य स्थिति बहाल करने के लिए उपाय शुरू करने का निर्देश जारी किया है।
वहीं मणिपुर के राज्यपाल ने राज्य के आंतरिक रूप से विस्थापित लोगों के लिए भी मदद और सहायता की मांग की है। जिस बीच, दस कुकी-जोमी विधायकों ने पहाड़ी जिलों के लिए ‘अलग मुख्य सचिव, डीजीपी’ की मांग की है। बता दें कि, लगातार संघर्ष के बीच मणिपुर के संवेदनशील इलाकों में बड़ी संख्या में सीआरपीएफ कंपनियों और रैपिड एक्शन फोर्स को तैनात किया जा रहा है।
मिली जानकारी के अनुसार बता दें कि, मणिपुर और नगालैंड सेक्टर के सीआरपीएफ आईजी गुरुवार को इंफाल के राजभवन में राज्यपाल अनुसुइया उइके से मुलाकात की। जहां सीआरपीएफ आईजी ने मणिपुर के राज्यपाल को राज्य की सुरक्षा स्थिति से भी अवगत कराया। इसके साथ ही उन्होंने राज्य में मौजूदा कानून व्यवस्था की स्थिति से निपटने के लिए अर्धसैनिक बल द्वारा उठाए गए सुरक्षा उपायों से के बारे में भी जानकारी दी।
हिंसा का लगातार बढ़ते प्रकोप को देखते हुए मणिपुर के दस कुकी-जोमी विधायकों ने हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है। पीएम नरेंद्र मोदी को लिखे गए पत्र में उन्होंने राज्य के पहाड़ी जिलों के लिए अलग डीजीपी और मुख्य सचिव सहित नौ मांग की है। इसके साथ हीं विधायकों ने पत्र में यह भी लिखा है कि, अगर अलग डीजीपी और मुख्य सचिव की पोस्टिंग नहीं हो सकती है तो इन पदों के समकक्ष पद सृजित किया जाए।
ज्ञात हो कि, इन विधायकों ने पहले आदिवासियों के लिए ‘अलग प्रशासन’ की मांग की थी। मणिपुर में पांच पहाड़ी जिले हैं इनमें सेनापति, तमेंगलोंग, चुराचांदपुर, चंदेल और उखरुल शामिल है। इसके अलावा, मणिपुर के दस कुकी-जोमी विधायकों ने राज्य में जातीय हिंसा से प्रभावित आदिवासी लोगों के पुनर्वास के लिए प्रधान मंत्री राहत कोष से 500 करोड़ रुपये की मंजूरी की मांग की है।
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