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मणिपुर में बढ़ते तनाव को देखते हुए केंद्र सरकार का बड़ा फैसला, पूर्वोत्तर राज्य के इन इलाकों में फिर लगा AFSPA

BY: Preeti Pandey • LAST UPDATED : November 14, 2024, 8:22 pm IST
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मणिपुर में बढ़ते तनाव को देखते हुए केंद्र सरकार का बड़ा फैसला, पूर्वोत्तर राज्य के इन इलाकों में फिर लगा AFSPA

Manipur Violence: पूर्वोत्तर राज्य के इन इलाकों में फिर लगा AFSPA

India News (इंडिया न्यूज), Manipur Violence: मणिपुर में फिर से हिंसा शुरू हो गई है। जिसको देखते हुए केंद्र सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। केंद्र ने हिंसा प्रभावित जिरीबाम समेत मणिपुर के छह थाना क्षेत्रों में सशस्त्र बल (विशेष शक्तियां) अधिनियम को फिर से लागू कर दिया है। जिसके तहत सुरक्षा बलों के अभियान को सुगम बनाने के लिए किसी क्षेत्र को अशांत घोषित किया जाता है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने एक अधिसूचना में आदेश दिया है कि वहां जारी जातीय हिंसा के कारण लगातार अस्थिर स्थिति को देखते हुए यह निर्णय लिया गया है।

केंद्र सरकार ने उठाया बड़ा कदम

बता दें कि, AFSPA को जिन पुलिस थाना क्षेत्रों मे फिर से लागू किया गया है, उनमें इंफाल पश्चिम जिले के सेकमाई और लामसांग, इंफाल पूर्व जिले के लामलाई, जिरीबाम जिले के जिरीबाम, कांगपोकपी के लेमाखोंग और विष्णुपुर के मोइरांग शामिल हैं। नया आदेश मणिपुर सरकार के उस फैसले के बाद आया है, जिसमें ये छह भी शामिल हैं। आपको बता दें कि मणिपुर सरकार ने 1 अक्टूबर को 19 थाना क्षेत्रों को छोड़कर पूरे राज्य में AFSPA लागू कर दिया था। गोलीबारी में 11 संदिग्ध उग्रवादी मारे गए थे।

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मणिपुर में फिर हो रही हिंसा

मणिपुर के जिरीबाम जिले में 11 नवंबर को सुरक्षा बलों के साथ भीषण मुठभेड़ में ग्यारह संदिग्ध उग्रवादी मारे गए। इसके एक दिन बाद, सशस्त्र उग्रवादियों ने उसी जिले से महिलाओं और बच्चों सहित छह नागरिकों का अपहरण कर लिया। पिछले साल मई से इम्फाल घाटी स्थित मैतेई और निकटवर्ती पहाड़ी आधारित कुकी-जो समूहों के बीच जातीय हिंसा में 200 से अधिक लोग मारे गए हैं और हजारों लोग बेघर हो गए हैं। जातीय रूप से विविध जिरीबाम, जो इम्फाल घाटी और आसपास की पहाड़ियों में संघर्षों से काफी हद तक अछूता था। इस साल जून में एक किसान का क्षत-विक्षत शव खेत में पाए जाने के बाद हिंसा का गवाह बना।

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