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Manipur Violence: अमेरिका में बसे कुकी जनजातियों ने किया कांग्रेस ब्रीफिंग का आयोजन, मणिपुर को लेकर भारत सरकार को घेरा-Indianews

BY: Shubham Pathak • LAST UPDATED : May 8, 2024, 8:28 am IST
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Manipur Violence: अमेरिका में बसे कुकी जनजातियों ने किया कांग्रेस ब्रीफिंग का आयोजन, मणिपुर को लेकर भारत सरकार को घेरा-Indianews

Manipur Violence

India News(इंडिया न्यूज),Manipur Violence: भारत द्वारा जातीय हिंसा प्रभावित मणिपुर में मानवाधिकारों के दुरुपयोग का आरोप लगाने वाली अमेरिकी विदेश विभाग की एक रिपोर्ट को खारिज करने के लगभग दो सप्ताह बाद, अमेरिका में बसे कुकी जनजातियों के लोगों के एक समूह ने “कांग्रेस ब्रीफिंग” आयोजित किया और भारत पर कटाक्ष किया। नॉर्थ अमेरिकन मणिपुर ट्राइबल एसोसिएशन (एनएएमटीए) द्वारा आयोजित कार्यक्रम में जो कथित तौर पर कनाडा स्थित खालिस्तानी अलगाववादियों के साथ संबंध रखता है। जिसके बाद अमेरिकी अंतर्राष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता आयोग वहीं (यूएससीआईआरएफ) के आयुक्त डेविड करी ने आरोप लगाया कि भारत में धार्मिक स्वतंत्रता का उल्लंघन बढ़ रहा है।

डेविड करी ने लगाया आरोप

इसी मामले डेविड करी ने कहा कि जो धार्मिक वकालत समूह ग्लोबल क्रिश्चियन रिलीफ के प्रमुख भी हैं, ने कथित “कुकी अल्पसंख्यक ईसाइयों पर अत्याचारों को देश भर में प्रचलित व्यापक मुद्दों से जोड़ा। करी ने आरोप लगाया, “दुर्भाग्य से, मणिपुर में ये घटनाएं पूरे भारत में धार्मिक स्वतंत्रता की बिगड़ती स्थितियों के व्यापक पैटर्न को दर्शाती हैं। इसके साथ ही NAMTA ने सोमवार को एक बयान में कहा कि उसके कनाडा चैप्टर के प्रमुख लियन गैंगटे ने “अपने संवैधानिक दायित्वों को पूरा करने में विफल रहने के लिए भारत सरकार की आलोचना की।

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जानकारी केलिए बता दें किगंगटे को अगस्त 2023 में कनाडा के सरे में उसी गुरुद्वारे में भाषण देते हुए देखा गया था, जिसके प्रमुख और खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की उसी वर्ष जून में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। तब अपने संबोधन में उन्होंने “भारत में अल्पसंख्यकों पर हमले” की निंदा की थी और कनाडा से “हर संभव मदद” मांगी थी। अगस्त 2023 में हुए घटनाक्रम ने खुफिया एजेंसियों को चिंतित कर दिया था।

भारतीय अधिकारी का बयान

भारत के एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम न छापने का अनुरोध करते हुए कहा, “एनएएमटीए सदस्य बार-बार भारत को बदनाम कर रहे हैं और विश्व मंच पर देश की छवि खराब कर रहे हैं। संयोगवश, जब लोकसभा चुनाव हो रहे हैं, तो वे अधिक आक्रामक हो गए हैं।” अधिकारी ने कहा, “हम उन पर नजर रख रहे हैं। उनकी गतिविधियां उन समूहों के करीब पहुंच रही हैं जो दुनिया में भारत की स्थिति को नुकसान पहुंचाने का काम करते हैं। भारत ने 25 अप्रैल को अमेरिकी विदेश विभाग की रिपोर्ट को मणिपुर में “महत्वपूर्ण मानवाधिकारों के हनन” का आरोप लगाते हुए “गहरा पक्षपातपूर्ण” और “देश की खराब समझ” को प्रतिबिंबित करने वाला बताया था।

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भारतीय विदेश मंत्रालय ने दिया जवाब

वहीं इस मामले में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जयसवाल ने कहा था, “यह रिपोर्ट बेहद पक्षपातपूर्ण है और भारत की बहुत खराब समझ को दर्शाती है। हम इसे कोई महत्व नहीं देते हैं और आपसे भी ऐसा करने का आग्रह करते हैं।मेइतेई और कुकी-ज़ो जनजातियों के बीच जातीय संघर्ष भूमि, संसाधनों, सकारात्मक कार्रवाई नीतियों और राजनीतिक प्रतिनिधित्व के बंटवारे पर विनाशकारी असहमति को लेकर शुरू हुआ, मुख्य रूप से ‘सामान्य’ श्रेणी के मेइतेई अनुसूचित जनजाति श्रेणी के तहत शामिल होने की मांग कर रहे थे। राज्य सरकार का कहना है कि संकट का मुख्य कारण उसका ‘ड्रग्स के ख़िलाफ़ युद्ध’ अभियान था।

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