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India News,(इंडिया न्यूज),Manipur Violence: ढाई महीने से मणिपुर में भड़की जातीय हिंसा को लेकर पूरी दुनिया में बात हो रही है। जिसके बाद भारत में अमेरिका के राजदूत एरिक गार्सेटी ने मणिपुर में जारी हिंसा पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए इस हिंसा को भारत का आंतरिक मामला बताया है और कहा कि,दुनिया में कहीं भी इंसान को पीड़ा हो तो हमारा दिल दुखता है। बता दें कि, अमेरिकी राजदूत एरिक गार्सेटी ने ये बात अमेरिकी अधिकारियों से वार्ता करने वाशिंगटन पहुंचने के बाद की। इसके साथ हीं गार्सेटी ने यह भी कहा कि, उन्होंने हिंसा से संबंधित वीडियो नहीं देखा है और पहली बार इसके बारे में सुन रहे हैं। हमारा हृदय भारतीय लोगों के साथ है। जैसा की मैंने कहा, यह भारत का आंतरिक मामला है लेकिन निश्चित रूप से एक इंसान के रूप में हमारी संवेदना पीड़ा सहने वालों के साथ है।
बता दें कि, वाशिंगटन में अमेरिकी राजदूत एरिक गार्सेटी ने पीएम मोदी की अमेरिका यात्रा पर भी बात करते हुए कहा कि, पीएम मोदी की यात्रा काफी आसाधारण थी। पीएम मोदी राजकीय यात्रा पर अमेरिका पहुंचे। इस दौरान उन्होंने राष्ट्रपति बाइडन से व्यापक चर्चाएं की। इसके बाद गार्सेटी ने कहा कि, मुझे लगता है निश्चित रूप से अमेरिका-भारत संबंधों के इतिहास में सबसे आसाधरण यात्रा थी। ऐतिहासित राजकीय यात्रा के बाद से कोई कमी नहीं है। मेरे दोनों सहयोगियों ने बताया कि भारत सरकार समझौतों को लागू करने के लिए लगातार बैठक कर रही है।
बता दें कि, तीन मई से मणिपुर में भड़की जातीय हिंसा ने चारो तरफ हाहाकार मचा दी है। लगभग ढाई महीने से चल रही इस हिंसा में अभी तक 150 से अधिक लोगों को अपनी जान गवानी पड़ी है। जबकि, कई लोग घायल हैं। चलिए अब आपको हिंसा का कारण बताते है, बता दें कि, मणिपुर की मेइतेई समुदाय अनुसूचित जनजाति की मांग कर रहा है, जिसके चलते कुकी और मेइतेई समाज आपस में भिड़ गया है और ये तबाही मच गई है। आपको ये भी बता दें कि, मणिपुर की आबादी में मैतेई लोगों की संख्या लगभग 53 प्रतिशत है और वे ज्यादातर इम्फाल घाटी में रहते हैं, जबकि आदिवासी, जिनमें नागा और कुकी शामिल हैं, 40 प्रतिशत हैं और ज्यादातर पहाड़ी जिलों में रहते हैं।
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