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Manish Sisodia Resignation Letter: दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने आज मंगलवार, 28 फरवरी को अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। सिसोदिया ने इस्तीफा देते हुए सीएम केजरीवाल को 3 पन्नों की चिट्ठी लिखी है। दिल्ली शराब घोटाला मामले में सीबीआई (CBI) ने रविवार को मनीष सिसोदिया को गिरफ्तार कर लिया था। बीते दिन सोमवार को दिल्ली की एक स्पेशल कोर्ट ने उन्हें 5 दिन की सीबीआई रिमांड पर भेज दिया था। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में जमानत याचिका दायर की थी। मगर सुप्रीम कोर्ट से उन्हें राहत नहीं मिली।
सुप्रीम कोर्ट से राहत नहीं मिलने के बाद मनीष सिसोदिया ने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। उनके इस्तीफे को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने स्वीकार कर लिया है। उन्होंने अपने रिजाइन लेटर में दिल्ली सरकार के तमाम अधिकारियों और सभी कर्मचारियों को धन्यवाद किया है। शायराना अंदाज में उन्होंने लिखा, “सरफरोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है, देखना है जोर कितना बाजू-ए-कातिल में है।”
"No power in world can make me do anything in a dishonest manner; unfortunate that corruption allegations are levelled against me after working honestly for 8 years", reads Manish Sisodia's resignation letter to Delhi CM Arvind Kejriwal pic.twitter.com/GTpD6LJgK1
— ANI (@ANI) February 28, 2023
मनीष सिसोदिया ने अपनी चिट्ठी में लिखा, “मैं इसे अपना बहुत बड़ा सौभाग्य समझता हूं कि मुझे आपके नेतृत्व में लगातार आठ वर्षों तक दिल्ली सरकार में मंत्री के रूप में कार्य करने का अवसर मिला। मुझे खुशी है कि पिछले आठ साल में दिल्लीवासियों की जिंदगी में खुशहाली और समृद्धि लाने का जो काम आपके नेतृत्व में हुआ है, एक मंत्री के नाते मुझे भी उसमें थोड़ी बहुत भूमिका निभाने का अवसर मिला है। विशेषकर शिक्षा मंत्री के रूप में मिली जिम्मेदारी, शायद पिछले जन्मों का कुछ पुण्य रहा होगा जिनके फलस्वरूप मुझे इस जन्म में मां सरस्वती की सेवा का ऐसा महान अवसर मिला।”
“दिल्ली के लोग अच्छी तरह जानते हैं कि पिछले आठ वर्षों के दौरान एक मंत्री के रूप में मैंने अपना कार्य पूरी निष्ठा और ईमानदारी के साथ किया है। मेरे स्वर्गीय पिता ने मुझे अपना काम हमेशा ईमानदारी और निष्ठा के साथ पूर्ण करने की शिक्षा दी थी। जब मैं छठवीं क्लास में पढ़ता था तो मेरे पिता ने मुझे भगवान कृष्ण की एक बहुत ही सुंदर सी तस्वीर फ्रेम कराकर मेरे बिस्तर के सामने लगाई थी और कहा था कि मैं रोजाना उठकर सबसे पहले भगवान कृष्ण को प्रणाम किया करूं। इस तस्वीर में उन्होंने अपनी तरफ से नीचे एक वाक्य लिखा था- अपने काम को ईमानदारी और निष्ठा से पूर्ण करना ही सच्ची कृष्ण पूजा है।”
“छठवीं क्लास से 12वीं क्लास तक पढ़ने के दौरान, लगातार सात साल तक रोजाना सुबह उठते ही मेरी नजर सबसे पहले उस तस्वीर पर ही जाती और मैं अपने पिता के लिखे हुए उस शिक्षा वाक्य को पढ़ता रहा। आज मुझे लगता है कि मेरे पिता ने बहुत सोच समझकर यह काम किया होगा। मेरे माता-पिता द्वारा किए गए ऐसे लालन पालन की बदौलत आज ईमानदारी और निष्ठा मेरे संस्कार में है। दुनिया की कोई ताकत ना मुझसे बेईमानी करा सकती है और ना ही अपने काम के प्रति मेरी निष्ठा कम कर सकती है। यहां तक कि आज अगर मैं खुद भी चाहूं तो भी ना तो किसी काम में बेईमानी कर सकता हूं और ना ही किसी काम से जी चुरा सकता हूं।”
“यह बहुत दुखद है कि आठ साल तक लगातार ईमानदारी और सत्य निष्ठा के साथ काम करने के बावजूद मेरे ऊपर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए जा रहे हैं। मैं जानता हूं, मेरा ईश्वर जानता है कि ये सारे आरोप झूठे हैं। ये आरोप वस्तुतः अरविन्द केजरीवाल की सच्चाई की राजनीति से घबराए हुए, कायर और कमजोर लोगों की साजिश से ज्यादा कुछ नहीं है। इनका निशाना मैं नहीं हूं, इनका निशाना आप हैं। क्योंकि आज दिल्ली ही नहीं देश भर की जनता आपको एक ऐसे लीडर के रूप में देख रही है जिसके पास देश के लिए एक विज़न है और उस विज़न को अमल में लाते हुए लोगों की जिंदगी में बड़े बदलाव लाने की योग्यता भी है।”
“देशभर में आर्थिक तंगी, गरीबी, बेरोजगारी, महंगाई और भ्रष्टाचार जैसी समस्याओं से जूझ रहे करोड़ों लोगों की नजर में आज अरविंद केजरीवाल एक उम्मीद का नाम बन चुका है। आपकी बातों को लोग अन्य नेताओं के जुमले के रूप में नहीं देखते बल्कि इस भरोसे के साथ देखते हैं कि केजरीवाल जो कहते हैं वह कर के दिखाते हैं। मेरे ऊपर कई एफआईआर की गई हैं और अभी कई और करने की तैयारी है। उन्होंने बहुत कोशिश की कि मैं आपका साथ छोड़ दूं।”
“मुझे डराया, धमकाया, लालच दिया। जब मैं उनके सामने नहीं झुका तो आज उन्होंने मुझे गिरफ्तार कर जेल में डाल दिया है। मैं इनकी जेलों से भी नहीं डरता हूं। सच्चाई के रास्ते पर लड़ते हुए जेल जाने वाला मैं दुनिया का पहला आदमी नहीं हूं। मैंने हजारों ऐसे लोगों की कहानियां पढ़ी हैं जो आजादी के लिए लड़ रहे थे और अंग्रेजों ने झूठे और बेबुनियाद मुकदमों में फंसा फंसा कर जेल में डाला था। यहां तक कि फांसी भी लगवाई थी। यह सब लोग मेरी प्रेरणा के स्रोत हैं।”
“जब मैं उनके बारे में सोचता हूं तो लगता है आज के समय में तो सच्चाई की लड़ाई लड़ते हुए जेल जाना, उन लोगों द्वारा उठाई गई परेशानी के सामने तो कुछ नहीं है जो अंग्रेजों के जुल्म सहते हुए भी हंसते हंसते जेल में जाते थे। इसीलिए मेरे मन में जेल जाने का कोई डर नहीं है और फिर सच्चाई की ताकत मेरे साथ है तो मुझे डर कैसा। मैंने दिल्ली सरकार के विभिन्न विभागों में ईमानदारी से काम किया है।”
“दिल्ली के सरकारी स्कूलों में पढ़ रहे लाखों बच्चों की दुआएं मेरे साथ हैं। उनके माता पिता का प्यार मेरे साथ है और सबसे बड़ी बात दिल्ली की शिक्षा में क्रांति लाने वाले हजारों शिक्षकों का आशीर्वाद मेरे सर पर है। मेरे खिलाफ इन्होंने जितने भी आरोप लगाए हैं समय के साथ उनकी सच्चाई सामने आएगी और यह साबित हो जाएगा कि यह सारे आरोप झूठे थे लेकिन, अब जबकि उन्होंने झूठे और बेबुनियाद आरोपों के तहत साजिश रचते हुए तमाम सीमाएं पार कर मुझे जेल में डाल ही दिया है तो मेरी इच्छा है कि मैं अब मंत्री पद पर ना रहूं।”
“आपके नेतृत्व में दिल्ली सरकार का मंत्री होना और दिल्ली के लोगों के लिए काम करना अपने आप में सौभाग्य और गर्व की बात है, लेकिन फिलहाल इस पत्र के माध्यम से मैं अपना त्यागपत्र आपको प्रस्तुत कर रहा हूं। मेरा आपसे अनुरोध है कि आप मेरा त्यागपत्र स्वीकार कर मुझे मंत्री पद की जिम्मेदारियों से मुक्त करें। मैं जानता हूं कि साजिशकर्ता मुझे और आपको परेशान करने के लिए मुझे जेल में डाल रहे हैं, लेकिन मैं समझता हूं कि उनकी इन साजिशों से सच्चाई की राजनीति की हमारी लड़ाई और मजबूत होगी। वह हमें और हमारे साथियों को जेल में बंद कर सकते हैं, लेकिन हमारे हौसलों को आसमान की ऊंचाइयों को छूने से नहीं रोक सकते। मुझे लगता है मेरे जेल जाने से हमारे साथियों का, हमारे कार्यकर्ताओं का मनोबल और बढ़ेगा व उनके अंदर देश के लिए कुछ करने का जज्बा और जोर मारेगा।”
“सरफरोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है,
देखना है जोर कितना बाजू-ए-कातिल में है”
“अंत में, मैं दिल्ली सरकार के उन तमाम अधिकारियों और सभी कर्मचारियों का धन्यवाद करना चाहता हूं। जिन्होंने मेरे मंत्री पद पर रहते हुए विगत आठ वर्षों में मेरे साथ काम किया और जिन के सहयोग से मैं मुझे दी गई जिम्मेदारियों को ठीक से निभा सका। आपसे पुनः मेरा विनम्र अनुरोध है कि दिल्ली सरकार के मंत्रिमंडल से मेरा इस्तीफा स्वीकार कर मुझे इस पद से मुक्त करने की कृपा करें।”
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