India News(इंडिया न्यूज), Mann ki Baat: पीएम मोदी ने तीसरी बार प्रधानमंत्री के पद को संभाला है और अपने एक कर्तव्यों की शुरुआत कर दी है। आपको बता दें कि पीएम ने आज मन की बात की है जिसमें उन्होंने भिन्न मुद्दों पर चर्चा की है। पेड़ से लेकर छातों तक की बात उन्होंने की है। शुरुआत में उन्होंने श्रोताओं का धन्यवाद किया और कहा कि हमारी सरकार पर एक बार फिर भरोसा जताने कि लिए धन्यवाद। आइए हम आपको बताते हैं कि इस पूरे कार्यक्रम में उन्होंने क्या कहा।
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पीएम मोदी ने कहा कि अगर मैं आपसे पूछूं कि दुनिया में सबसे अनमोल रिश्ता कौन सा है, तो आप जरूर कहेंगे ‘मां’। हम सभी के जीवन में ‘मां’ का दर्जा सबसे ऊंचा है। मां हर दुख सहकर भी अपने बच्चे का पालन-पोषण करती है। हर मां अपने बच्चे पर हर ममता लुटाती है। जन्म देने वाली मां का ये प्यार हम सभी पर कर्ज की तरह है, जिसे कोई चुका नहीं सकता। उन्होंने कहा कि हम अपनी मां को कुछ दे नहीं सकते, लेकिन, क्या हम कुछ और नहीं कर सकते? इसी सोच के साथ इस वर्ष विश्व पर्यावरण दिवस पर एक विशेष अभियान शुरू किया गया है, इस अभियान का नाम है- ‘एक पेड़ मां के नाम’। मैंने भी एक पेड़ का नाम अपनी मां के नाम पर रखा है।
मैंने सभी देशवासियों से, दुनिया के सभी देशों के लोगों से अपील की है कि वे अपनी मां के साथ या उनके नाम पर एक पेड़ लगाएं और मुझे ये देखकर बहुत खुशी हो रही है कि मां की याद में या उनके सम्मान में पेड़ लगाए जा रहे हैं। अभियान तेजी से आगे बढ़ रहा है। पीएम मोदी ने कहा कि हर कोई अपनी माताओं के लिए पेड़ लगा रहा है- चाहे वो अमीर हो या गरीब, चाहे वो प्रेरित महिलाएं हों या गृहणियां। इस अभियान ने सभी माताओं के प्रति अपना स्नेह व्यक्त करने का समान अवसर दिया है।
पीएम मोदी ने कहा कि आज ‘मन की बात’ में मैं आपको एक खास अंदाज में संबोधित करूंगा कि मैं आपको छातों के बारे में बताना चाहता हूं। ये छाते हमारे केरल में तैयार किए जाते हैं। वैसे तो केरल की संस्कृति में छातों का विशेष महत्व है। छाते वहां की कई परंपराओं और रीति-रिवाजों का अहम हिस्सा हैं, लेकिन मैं जिस छाते की बात कर रहा हूं वो है ‘कार्थंभी छाता’ और ये केरल के अट्टापडी में तैयार किए जाते हैं।
उन्होंने कहा कि ये रंग-बिरंगे छाते बेहद खूबसूरत हैं। और खास बात ये है कि ये छाते केरल की हमारी आदिवासी बहनों ने तैयार किए हैं। आज इन छातों की मांग किसानों के बीच बढ़ रही है। इन्हें ऑनलाइन भी बेचा जा रहा है। ये छाते ‘वट्टालक्की सहकारी कृषि समिति’ की देखरेख में बनाए गए हैं। इस समिति का नेतृत्व हमारी महिला शक्ति कर रही है।
पीएम मोदी ने पेरिस ओलंपिक के बारे में भी बात की और कहा कि अगले महीने से पेरिस ओलंपिक शुरू हो रहे हैं। मुझे यकीन है कि आप सभी ओलंपिक खेलों में भारतीय खिलाड़ियों का हौसला बढ़ाने के लिए इंतजार कर रहे होंगे। मैं भारतीय टीम को ओलंपिक खेलों के लिए शुभकामनाएं देता हूं। टोक्यो ओलंपिक की यादें हम सभी के जेहन में अभी भी ताजा हैं। उन्होंने कहा कि टोक्यो में हमारे खिलाड़ियों के प्रदर्शन ने हर भारतीय का दिल जीत लिया था। तब से हमारे खिलाड़ी पेरिस ओलंपिक की तैयारियों को लेकर काफी उत्साहित थे। अगर सभी खिलाड़ियों को मिला दिया जाए तो सभी ने करीब 900 अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में हिस्सा लिया है।
पेरिस ओलंपिक में कुछ चीजें आपको पहली बार देखने को मिलेंगी। शूटिंग में हमारे खिलाड़ियों की प्रतिभा सामने आ रही है। टेबल टेनिस में पुरुष और महिला दोनों टीमों ने क्वालीफाई किया है। भारतीय शॉटगन टीम में हमारी शूटर बेटियां भी शामिल हैं। इस बार कुश्ती और घुड़सवारी में हमारी टीम के खिलाड़ी उन श्रेणियों में भी हिस्सा लेंगे, जिनमें उन्होंने पहले कभी हिस्सा नहीं लिया।
मन की बात के 111 वें संस्करण में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, “आज वो दिन आ ही गया जिसका हम सभी फ़रवरी से इंतज़ार कर रहे थे | मैं ‘मन की बात’ के माध्यम से एक बार फिर आपके बीच, अपने परिवारजनों के बीच आया हूं। एक बड़ी प्यारी सी उक्ति है – ‘इति विदा पुनर्मिलनाय’ इसका अर्थ भी… pic.twitter.com/ZDiuQu6Klc
— ANI_HindiNews (@AHindinews) June 30, 2024
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‘कुवैत रेडियो’ हर रविवार को अपना पीक टाइम प्रसारित करता है। इसमें भारतीय संस्कृति के अलग-अलग रंग शामिल होते हैं। उन्होंने कहा कि हमारी फिल्में और कला जगत से जुड़ी चर्चाएं भारतीय समुदाय के बीच काफी लोकप्रिय हैं। मुझे तो यहां तक बताया गया है कि कुवैत के स्थानीय लोग भी इसमें खूब तस्वीरें खिंचवा रहे हैं। मैं कुवैत सरकार और वहां के लोगों का हृदय से आभार व्यक्त करता हूं, जिन्होंने यह अद्भुत पहल की है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि इस वर्ष मई में तुर्कमेनिस्तान में राष्ट्रीय कवि की 300वीं जयंती मनाई जाएगी।
इस अवसर पर तुर्कमेनिस्तान के राष्ट्रपति ने दुनिया के 24 प्रसिद्ध कवियों की प्रतिमाओं का अनावरण किया। इनमें से एक प्रतिमा गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर की भी है। यह गुरुदेव का सम्मान है, भारत का सम्मान है। उन्होंने कहा कि जून के महीने में दो कैरेबियाई देश सूरीनाम और सेंट विंसेंट और ग्रेनेडाइंस अपनी भारतीय विरासत को पूरे जोश और उत्साह के साथ मनाते हैं। उनकी यह भावना 1 जून को मनाए जाने वाले इन सभी भारतीय आगमन दिवसों में स्पष्ट रूप से परिलक्षित होती है।
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