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India News (इंडिया न्यूज), Maratha Reservation Protest: लोकसभा चुनाव 2024 के समाप्ति के साथ एक बार फिर महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण का मुद्दा उठ गया है। महाराष्ट्र के जालना में अंतरवली सरती में मनोज जरांगे एक बार फिर भूख हड़ताल पर बैठ गए हैं। अंतरवली में मनोज पाटिल का यह चौथा आंदोलन है। भूख हड़ताल पर बैठने के बाद पाटिल ने आरोप लगाया है कि सरकार आंदोलन को तोड़ना चाहती है। मैं उनसे कहना चाहता हूं कि हमें राजनीति नहीं करनी चाहिए। मनोज जरांगे ने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर सरकार अध्यादेश लागू नहीं करती है तो हम महाराष्ट्र विधानसभा की 288 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारेंगे।
मनोज जरांगे पाटिल ने कहा कि मैं अपने फैसले पर कायम हूं। मैं मराठा समुदाय से शांति बनाए रखने का अनुरोध करता हूं। जरांगे ने कहा कि सरकार ने रिश्तेदारों को लेकर अध्यादेश जारी किया है, यह भूख हड़ताल उसे लागू करने के लिए है। जारंगे ने कुनबी को मराठा के रूप में पहचानने के लिए कानून बनाने की भी मांग की है। जरांगे ने महाराष्ट्र के जालना में सुबह करीब 10.30 बजे आंदोलन शुरू किया। हालांकि, जिला प्रशासन और पुलिस अधिकारियों ने इसके लिए अनुमति देने से इनकार कर दिया है। वे मराठों के लिए अन्य पिछड़ा समुदाय (ओबीसी) का दर्जा देने के लिए इस साल की शुरुआत में राज्य सरकार द्वारा जारी किए गए मसौदा अधिसूचना के कार्यान्वयन और पात्र कुनबी मराठों के रक्त संबंधियों को प्रमाण पत्र जारी करने की मांग कर रहे हैं।
Maratha reservation activist Manoj Jarange Patil begins his fast unto death. The Police have not permitted him for the fast.
He says that if the Maratha reservation is not provided this time, he will contest the Maharashtra Assembly elections.
(File photo) pic.twitter.com/VNRhUpdxrp
— ANI (@ANI) June 8, 2024
बता दें कि, कुनबी एक कृषि समूह है, जो ओबीसी श्रेणी में आता है और जरांगे मांग कर रहे हैं कि सभी मराठों को कुनबी प्रमाण पत्र जारी किए जाएं ताकि उन्हें कोटा लाभ के लिए पात्र बनाया जा सके। आरक्षण आंदोलन का चेहरा जरांगे ने कहा कि जब तक मराठा आरक्षण नहीं दिया जाता, वे हार नहीं मानेंगे। उन्होंने राज्य सरकार पर अंतरावली सारती के निवासियों को भड़काकर उनके विरोध को रोकने की कोशिश करने का आरोप लगाया।
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