Mansukh Mandaviya: आईटीवी नेटवर्क ने पॉलिटिकल कॉन्क्लेव ‘इंडिया न्यूज मंच’ के नौवें संस्करण का आयोजन किया. इस दौरान कई केंद्रीय नेता, सांसद, मुख्यमंत्री और विपक्षी नेताओं ने मंच पर शिरकत की. इसी कड़ी में श्रम एवं रोजगार तथा खेल एवं युवा मंत्री मनसुख मांडविया ने भी मंच पर शिरकत की. इस दौरान पीएम के विजन पर बात की. साथ ही देश के खेल भविष्य को लेकर रणनीति भी शेयर की.
स्वभाव और संस्कृति का हिस्सा हैं खेल
केंद्रीय मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने कहा कि खेल भारत के स्वभाव और संस्कृति का हिस्सा है. उन्होंने कहा कि एक समय पर हर घर में अखाड़ा और हर गली में खेल होते थे. बच्चे पूरे दिन बाहर खेलते थे. माता-पिता कहते थे खेलना बंद. आज के समय में माता-पिता की सोच बदली है. वे बच्चों से कहते हैं पढ़ो भी और खेलो भी.
2014 के बाद भारतीय खेल में आए बदलाव
उन्होंने कहा कि 2014 के बाद खेल जगत में बदलाव आए हैं. इसका श्रेय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दूरदर्शिता को जाता है. उन्होंने कहा कि लोगों को स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करने के लिए ही पीएम मोदी के नेतृत्व में फिट इंडिया अभियान शुरू किया गया. इसके बाद खेल को फिटनेस से जोड़ने के लिए खेलो इंडिया की शुरुआत हुई, ताकि युवा मैदान पहुंचें.
कई श्रेणियों में खेलों का आयोजन
उन्होंने कहा कि 2014 के बाद पीएम मोदी ने खेलो इंडिया शुरू किया. उनका ये नजरिया विकास और स्वास्थ्य के लिए अहम है. उन्होंने कहा कि समृद्ध राष्ट्र के निर्माण के लिए स्वस्थ समाज का होना जरूरी है. उन्होंने बताया कि देश की विविधता और क्षमता को निखारने के लिए सरकार ने कई श्रेणियों में खेलों का आयोजन किया.
अलग-अलग क्षेत्रों में शुरू किए गए गेम्स
स्कूल और यूनिवर्सिटी स्तर पर 6.5 लाख स्कूलों में खेलो इंडिया स्कूल गेम्स और फिर यूनिवर्सिटी गेम्स की शुरुआत की गई. उन्होंने कहा कि ट्राइबल क्षेत्रों के लिए ‘ट्राइबल गेम्स’, पूर्वोत्तर के लिए ‘नॉर्थ ईस्ट गेम्स और स्नो गेम्स की शुरुआत की गई.’