India News (इंडिया न्यूज), Maratha Reservation Case:,महाराष्ट्र की सियासत में इन दिनों जबरदस्त गर्माहट देखने को मिल रही है। जिसका कारण मराठा समुदाय आरक्षण को लेकर मनोज जारंगे पाटिल के द्वारा हो रहा भूख हड़ताल है। पूरे प्रदेश में अभी भूख हड़ताल को लेकर बातें लगातार तेज हो रही है।

जानकारी के लिए बता दें कि, इस हड़ताल के कारण कई गांवों में नेताओं, मंत्रियों और विधायकों की एंट्री पर रोक लगा दी गई है। नेता जहां भी जा रहे हैं, मराठा प्रदर्शनकारी उनका जबरदस्त विरोध कर रहे हैं। जिसके बाद अब इस मामले में कई सांसद औऱ मंत्री भी आ चुके है। बता दें कि, रविवार को शिंदे गुट के हिंगोली लोकसभा क्षेत्र से सांसद हेमंत पाटिल के पास आरक्षण समर्थक प्रदर्शनकारी पहुंचे तो उसी समय सांसद ने अपने लेटरपैड पर लोकसभा अध्यक्ष के नाम से पत्र लिखकर सांसद पद से इस्तीफा दे दिया।

हेमंत पाटिल की भूमिका

जानकारी के लिए बता दें कि, मराठा समुदाय में आरक्षण की मांग को केंद्र सरकार के समक्ष उठाने के लिए कुछ प्रदर्शनकारियों ने सांसद हेमंत पाटिल से मुलाकात की। जिसके बाद उन्होने मुख्य रूप से सांदस के इस्तीफा देने की मांग की। वहीं उनकी मांग पर तुरंत प्रतिक्रिया देते हुए सांसद हेमंत पाटिल ने लोकसभा अध्यक्ष के पक्ष में अपने लेटरहेड पर अपना इस्तीफा लिखकर आंदोलनकारियों को सौंप दिया।

हेमंत पाटिल का समर्थन

इसके साथ ही जानकारी ये भी सामने आ रही है कि, इस मामले को लेकर सांसद हेमंत पाटिल ने लोकसभा अध्यक्ष को एक पत्र लिखा है जिसमें पाटिल ने कहा कि, ‘महाराष्ट्र में मराठा समुदाय के लिए आरक्षण का मुद्दा कई वर्षों से लंबित है. इसको लेकर मराठा समुदाय की भावनाएं जुड़ी हुई हैं। मैं मराठा समुदाय के लिए, किसानों के लिए कई वर्षों से लड़ रहा हूं। इसलिए, मैं मराठा समुदाय के आरक्षण आंदोलन का समर्थन करता हूं। वहीं जानकारी ये भी सामने आ रही है कि, हेमंत पाटिल के सांसद पद से इस्तीफा देने की खबर सार्वजनिक होने के बाद महाराष्ट्र की सियासत गरमा गई है। मराठा आरक्षण के समर्थन में विभिन्न जिलों में पार्टी के पदाधिकारियों ने पार्टी नेतृत्व को अपना इस्तीफा सौंप रहे हैं।

एक नजर

जानकारी के लिए बता दें कि, महाराष्ट्र में सत्ता परिवर्तन होने के बाद ही उद्धव ठाकरे के बेहद करीबी माने जाने वाले हेमंत पाटिल ने एकनाथ शिंदे के साथ जाने का फैसला किया। उनके इस फैसले ने राज्य की सियासी समीकरण को हिला कर रख दिया। जिसके बाद कई लोगों की भौंहें तन गईं। वहीं नांदेड़ के अस्पताल में हुए हादसे के बाद सांसद हेमंत पाटिल ने शंकरराव चव्हाण सरकारी कॉलेज के प्रिंसिपल से टॉयलेट साफ करने को कहा था।

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