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इंडिया न्यूज, अंबाला:
Mauni Amavasya 2022 आज भौमवती अमावस्या है। इस बार माघ महीने में सोमवती और भौमवती अमावस्या का अनोखा संयोग बना है। पंचांग गणना के अनुसार मौनी अमावस्या (Mauni Amavasya) इस बार 31 जनवरी को दोपहर 2 बजकर 19 मिनट से शुरू हुई है और आज 11.15 बजे तक रहेगी।
हालांकि ज्योतिषों के अनुसार आज अमावस्या तिथि सुबह से ही है इसलिए आज अमावस्या पूरे दिन रहेगी। अमावस्या के दिन मौन रहकर स्नान करने का विधान है। माघ मास में पड़ने वाली अमावस्या को मौनी अमावस्या या माघी अमावस्या (Maghi Amavasya) के नाम से भी जाना जाता है। मौनी अमावस्या के दिन ही सृष्टि के आदि पुरुष महाराज मनु का जन्म हुआ था। इस कारण भी इसे मौनी अमावस्या के नाम से जाना जाता है।
हिंदू धर्म में सोमवार, मंगलवार और शनिवार की अमावस्या का काफी महत्व बताया गया है। भौमवती अमावस्या के दिन गंगा में स्नान के बाद दान करने से अक्षय फल मिलता है। यदि गंगा में स्नान नहीं कर सकते है, तो घर पर स्नान करें। स्नान के पानी में गंगा जल मिलाकर स्नान करें और गंगा मां का ध्यान करें। ऐसा करने से भी अक्षय फल मिलता है। घर के बाहर किसी नदी में, तालाब में भी स्नान कर सकते हैं।
भौमवती अमावस्या के दिन दान व जरूरतमंद लोगों को खाना खिलाना चाहिए। गरम कपड़े, घी, तिल, चावल, कंबल, दूध आदि का दान करने से भी अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है। पूर्वजों और पितरों के लिए सी इस दिन पूजा की जाती है। दान तर्पण, पितृ यज्ञ आदि करने से पितृ दोष से मुक्ति मिलती है।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, जिस दिन दोपहर में अमावस्या तिथि लग रही हो, उस दिन पितृ पूजन और पितरों के नाम का तर्पण किया जाना चाहिए। जिस दिन सुबह में अमावस्या तिथि लग रही हो उस दिन अमावस्या में देव कार्य यानी देव पूजन का कार्य करना उचित होता है। सोमवती अमावस्या के दिन पीपल की पूजा और उसकी परिक्रमा करने से सुख और सौभाग्य में वृद्धि होती है। अमावस्या के दिन भगवान शिव की पूजा भी की जाती है।
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ज्योतिषशास्त्र के अनुसार भौमवती अमावस्या डे (Bhaumvati Amavasya) अमावस्या का ही एक दिन होता है और यह मंगलवार के दिन होता है। या यंू कहें कि जब अमावस्या का दिन मंगलवार को आता है तो उस अमावस्या को भौमवती अमावस्या (Bhaumvati Amavasya) कहा जाता है। इस दिन चन्द्रमा पूर्ण रूप से दिखाई नहीं देता है। सूर्य व चन्द्रमा इस दिन एक ही राशि या अपने पास वाली राशि में प्रवेश करते है।
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सोमवती अमावस्या (Somvati Amavasya) पर कल हरिद्वार में हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं ने गंगा में डुबकी लगाई और स्नान कर पितरों से निमित श्राद्ध कर्म आदि किए। अस्थि प्रवाह घाट और नारायणी शिला मंदिर में भारी संख्या में श्रद्धालुओं की भीड़ रही। पंडितों के अनुसार अमावस्या दो दिन की होने पर पहले दिन श्राद्ध आदि की अमावस्या होती है। अगले दिन स्नान-दान की अमावस्या होती है।
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