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इंडिया न्यूज, नई दिल्ली, (Meaning Of Ban On PFI): केंद्र सरकार द्वारा आतंकी फंडिंग व अन्य आतंकी गतिविधियों से जुड़े होने के चलते पॉपुलर फ्रंट आफ इंडिया (पीएफआई) को देश में प्रतिबंधित करने के कई मायने हैं। बैन के बाद अब यह संगठन किसी तरह का विरोध प्रदर्शन अथवा कांफ्रेंस नहीं कर सकेगा। इसी के साथ पीएफआई के अब डोनेशन लेने पर भी बैन होगा। वह किसी तरह का प्रकाशन भी नहीं कर सकेगा। यानी उसकी हर गतिविधि अवैध मानी जाएगी।
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राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) व प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की गत 22 और 26 सितंबर को ताबड़तोड़ छापेमारी में पीएफआई के 300 से ज्यादा कार्यकर्ता और पदाधिकारी गिरफ्तार किए गए। इसी के साथ अगर कोई व्यक्ति पीएफआई अथवा इन संगठनों से जुड़ा हुआ पाया जाता है तो एजेंसियां और स्थानीय पुलिस तत्काल कार्रवाई कर सकती हैं।
गृह मंत्रालय का आरोप है कि पीएफआई के सदस्य आतंकी गतिविधियों में शामिल है और वे विदेशों से फंड इकट्ठा करके देश में दंगे फसाद, हिंसा, डर और अस्थिरता का माहौल बनाने के लिए साजिशें रचते हैं। सरकार ने पीएफआई व इससे जुड़े पर संगठनों पर सेक्शन-3 के तहत रोक लगाई है। जिन सदस्यों को अब तक गिरफ्तार किया गया है उनपर भी यूएपीए के तहत मामला दर्ज किया गया है।
गृह मंत्रालय के सूत्रों का कहना है कि आने वाले दिनों में पीएफआई के और भी कई लोगों पर कार्रवाई की जाएगी मामले के जानकारों का कहना है कि पीएफआई से कनेक्शन रखने वाले लोगों पर की यात्रा पर भी बैन लगाया जा सकता है। इसी के साथ उनकी संपत्तियां व बैंक अकाउंट भी सीज हो सकते हैं। सरकार ने स्पष्ट कहा है कि पीएफआई के तार प्रतिबंधित संगठन सिमी से भी हैं। इसके अलावा इस्लामिक स्टेट (आईएस) और जमात-उल-मुजाहिदीन बांग्लादेश (जेबीएम) से भी इसके लिंक है।
जेबीएम पर साल 2019 से प्रतिबंध था। यह संगठन असम, झारखंड, कर्नाटक व पश्चिम बंगाल, और अन्य राज्यों में अपनी जड़े जमाकर आतंकी गतिविधियों को अंजाम देता था। यह फंड इकट्ठा करने की भी फिराक में रहता था। कई जगह युवाओं को यह आतंकी प्रशिक्षण देने का भी काम करता था। 2014 में कर्नाटक के बर्दवान जेबीएम के 50 से ज्यादा सदस्यों को गिरफ्तार किया गया था। वहीं उस दौरान 100 से ज्यादा बम भी उनके पास से बरामद किए गए थे।
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राष्टÑीय जांच एजेंसी ने 2017 में ही पीएफआई का डोजियर बना लिया था। इसमें बताया गया था कि पीएफआई देशभर में 50 हजार से ज्यादा रेगुलर सदस्य हैं और केरल में लगभग डेढ़ लाख समर्थक हैं। इस संख्या में हर साल इसमें पांच फीसदी की बढ़ोतरी हो रही थी। इसी के साथ डोजियर के अनुसार ये कैडर लोगों को कट्टरपंथ बनाने की पूरी कोशिश करते हैं। एक सीनियर एनआईए अधिकारी ने उस दौरान कहा था कि पीएफआई 22 राज्यों तक अपनी पैठ जमा चुका है।
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