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इंडिया न्यूज, नई दिल्ली :
सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि वैश्विक महामारी कोरोना वायरस की दूसरी लहर में हुईं सारी मौतों का कारण चिकित्सकीय लापरवाही नहीं है। कोर्ट ने बुधवार को मृतकों के परिजनों को चिकित्सकीय लापरवाही मानकर मुआवजा देने का अनुरोध करने वाली याचिका पर विचार करने से इनकार करते हुए उक्त टिप्पणी की। न्यायमूर्ति धनन्जय वाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति विक्रम नाथ और न्यायमूर्ति हिमा कोहली की पीठ ने याचिकाकर्ता दीपक राज सिंह से कहा कि वह अपने सुझावों के साथ सक्षम प्राधिकारियों के पास जाएं। शीर्ष अदालत ने 30 जून के एक हालिया फैसले का हवाला दिया, जिसमें उसने राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण को कोविड-19 के कारण मरने वाले लोगों के परिवार के सदस्यों को अनुग्रह सहायता राशि के लिए छह सप्ताह के भीतर उचित दिशा-निर्देशों की अनुशंसा का निर्देश दिया था। कोर्ट ने कहा कि उस फैसले में अदालत ने मानवता के संबंध में अपना दृष्टिकोण रखा था न कि लापरवाही के कारण। सरकार को अब भी इस संबंध में एक नीति लानी है। यदि आपके पास उस नीति के कार्यान्वयन के संबंध में कोई सुझाव है, तो आप सक्षम प्राधिकारी से संपर्क कर सकते हैं। शीर्ष अदालत ने याचिका का निपटारा करते हुए याचिकाकर्ता से कहा कि वह इसे वापस लेकर उसमें संशोधन करे और यदि कोई सुझाव हो तो याचिकाकर्ता सक्षम प्राधिकारी से संपर्क कर सकता है।
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