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India News (इंडिया न्यूज), Medical Technology: केंद्र सरकार ने देश में फार्मा और चिकित्सा प्रौद्योगिकी को बढ़ावा देने के लिए अगले पांच सालों में राष्ट्रीय औषधि, शिक्षा और अनुसंधान संस्थान में उत्कृष्टता केंद्र स्थापित करने के लिए 700 करोड़ रुपये मंजूर किए हैं। रसायन और उर्वरक मंत्रालय के अंर्तगत फार्मास्यूटिकल्स विभाग द्वारा जारी एक नोटिस के अनुसार, 700 करोड़ रुपये में से 243 करोड़ रुपये की राशि 2024-25 के लिए स्वीकृत की गई है। इस समय देश के सात राज्यों में सात NIPER हैं। जिसमें मोहाली (पंजाब), अहमदाबाद (गुजरात), हाजीपुर (बिहार), हैदराबाद (तेलंगाना), कोलकाता (पश्चिम बंगाल), गुवाहाटी (असम) और रायबरेली (उत्तर प्रदेश) शामिल है।
बता दें कि, चिकित्सा उपकरण निर्माण, बल्क ड्रग आरएंडडी, फाइटोफार्मास्युटिकल्स, जैविक चिकित्सा विज्ञान और एंटीवायरल और जीवाणुरोधी दवा खोज और विकास से लेकर अनुसंधान पर ध्यान केंद्रित करेंगे। पूर्व स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने कहा कि केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 2023 में फार्मा-मेडटेक क्षेत्र में अनुसंधान और नवाचार को बढ़ावा देने योजना को मंजूरी दी थी। जिसमें 2023-24 से 2027-28 तक पांच साल के लिए 5,000 करोड़ रुपये का परिव्यय है।जिसके बाद फिर से 2023 में एक संसदीय पैनल ने सरकार को नई पहलों के लिए अधिक धन आवंटित करने की सिफारिश की। जैसे कि राष्ट्रीय चिकित्सा उपकरण शिक्षा और अनुसंधान संस्थान और फार्मा-मेडटेक क्षेत्र में भारतीय अनुसंधान और विकास और नवाचार परिषद की स्थापना।
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DoP ने वित्त वर्ष 24 के लिए 1,286 करोड़ रुपए मांगे थे। जिसमें से 560 करोड़ रुपए NIPER की स्थापना के लिए थे और शेष राशि NIPER योजना के तहत नई पहलों के लिए इस्तेमाल की जानी थी। जैसे NIMER (200 करोड़ रुपए), उत्कृष्टता केंद्र (233 करोड़ रुपए), ICPMR (50 करोड़ रुपए) और फार्मास्युटिकल क्षेत्र में अनुसंधान और नवाचार को बढ़ावा देना (243.00 करोड़ रुपए) शामिल है। मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, मोटापे और मधुमेह के उपचार में इस्तेमाल होने वाली ग्लूकागन जैसी पेप्टाइड-1 (GLP-1) दवाओं के घरेलू उत्पादन के लिए उत्पादन-लिंक्ड प्रोत्साहन (PLI) योजना भी 2026 तक भारत में शुरू होने की उम्मीद है।
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