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इंडिया न्यूज, नई दिल्ली।
Minimum Support Price : तीन विवादित कृषि कानूनों को निरस्त करने के लिए हुए आंदोलन के बाद अब एक बार फिर नए आंदोलन की तैयारी कर ली है। किसानों के एक समूह ने कृषि उपज पर न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की गारंटी के लिए कानून बनाने को लेकर एक नया मोर्चा बनाया है।
महाराष्ट्र से दो बार के सांसद एवं स्वाभिमानी पक्ष के नेता राजू शेट्टी ने कहा कि यहां विभिन्न किसान संगठनों की बैठक में टरढ गारंटी किसान मोर्चा शुरू करने का निर्णय लिया गया है।
शेट्टी ने पत्रकारवार्ता में बताया कि हम टरढ गारंटी किसान मोर्चा के बैनर तले आंदोलन शुरू करेंगे। अगले छह महीनों में हम एमएसपी के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए हर राज्य के प्रत्येक जिले का दौरा भी करेंगे।
आपको बता दें कि इस बैठक में उत्तर प्रदेश से वी. एम. सिंह, हरियाणा से रामपाल जाट, पंजाब से बलराज सिंह, झारखंड से राजाराम सिंह सहित अन्य किसान नेता शामिल थे। नेताओं ने कृषि उपज के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य को लेकर वैधानिक गारंटी की मांग करते हुए प्रत्येक ग्राम सभा (ग्राम परिषद) द्वारा एक प्रस्ताव को अपनाने के मुद्दे पर जोर देने का फैसला लिया है।
शेट्टी ने कहा कि ग्राम परिषद से इन प्रस्तावों को भारत के राष्ट्रपति के पास भेजने का आग्रह भी किया जाएगा। इस मुद्दे पर देशव्यापी आंदोलन की घोषणा के लिए राजधानी दिल्ली में तीन दिवसीय किसान सम्मेलन आयोजित किया जाएगा। किसानों को गन्ना किसानों को भुगतान के लिए केन्द्र द्वारा निर्धारित उचित पारिश्रमिक मूल्य की तर्ज पर एमएसपी मिलना चाहिए।
वहीं, संसद की एक समिति ने किसानों की गन्ना आपूर्ति का बकाया अब भी 16,612 करोड़ रुपए होने पर हैरानी व्यक्त करते हुए कहा है कि सरकार बकाया राशि का तत्काल भुगतान सुनिश्चित करने के लिए चीनी मिलों पर दबाव डालकर उचित उपाय करे तथा बंद एवं बीमार चीनी मिलों के पुनरुर्द्धार के लिए नीति बनाए।
गन्ना नियंत्रण आदेश 1966 के प्रावधान के अनुसार 15 प्रतिशत की दर से ब्याज सहित गन्ना मूल्य बकाया के भुगतान के लिए चीनी मिल संचालकों पर कोई कार्रवाई नहीं की गई। समय पर गन्ना बकाया का भुगतान न करना हतोत्साहित करने वाला हो सकता है। Minimum Support Price
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