संबंधित खबरें
महाराष्ट्र में 288 सीटों पर मतदान आज, थोड़ी देर में शुरू होगी वोटिंग, PM मोदी ने की ये खास अपील
प्रधानमंत्री बनने से पहले ही इंदिरा ने ले लिया था ऐसा फैसला, पंडित नेहरू की लोकतांत्रिक छवि हुई थी धूमिल, पति फिरोज ने बता दिया फासीवादी
सपा विधायक जाहिद जमाल को लगा नौकरानियों का श्राप? आलीशान घर पर गिरी गाज, जानें कुर्की में कैसे लुट गए नेता?
इस राज्य में प्राइवेट कर्मियों को मिलेगा वर्क फ्रॉम होम, कैसे दिल्ली का प्रदूषण बना वरदान?
APP नेता ने कसा CM योगी पर तंज, बोले- बंटोगे तो कटोगे करने वाले… नहीं दे पर रहे किसानों …
दिल्ली सरकार ने लगाई PM मोदी से गुहार, प्रदूषण से निजात दिलाने के लिए की ऐसी अनोखी मांग..
India News (इंडिया न्यूज), अजीत मेंदोला, नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गठबंधन की सरकार को और मजबूती देने के लिए इस बार सहयोगी दलों से भी कुछ नेताओं को राज्यपाल बना सकते हैं। आने वाले महीनों में आधा दर्जन से ज्यादा नए राज्यपालों की नियुक्तियां होनी हैं। हालांकि राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्रा एक बार फिर से गवर्नर बनने की कोशिश में लगे हैं। मिश्रा का कार्यकाल अगले महीने समाप्त हो रहा है। ऐसे संकेत हैं कि अगले महीने बजट सत्र के दौरान नए राज्यपालों की नियुक्ति हो सकती है। जाट राजनीति के दबाव को देखते हुए अनुमान लगाया जा रहा है कि इस बार भी किसी जाट नेता को राज्यपाल बनाया जा सकता है।
हालाकि पिछली बार बनाए जाट नेता सतपाल मलिक का अनुभव खराब रहा। उन्होंने अपनी सरकार पर ही सवाल उठा दिए थे। हालांकि जाटों को संदेश देने के लिए उप राष्ट्रपति जैसा पद जाट समुदाय के जगदीप धनखड़ को दिया गया। उसके बाद आरएलडी नेता जयंत चौधरी की पार्टी से गठबंधन किया। इन सब के बाद भी बीजेपी को लोकसभा में राजस्थान, पश्चिम, उत्तर प्रदेश और हरियाणा में निराशा हाथ लगी। ऐसे में देखना होगा कि इस बार किस प्रदेश के जाट नेता को मौका मिलता है।
अनिश्चितकालीन अनशन पर बैठी आतिशी की बिगड़ी तबीयत , डॉक्टर ने तुरंत भर्ती होने की दी सलाह
राजस्थान के अलावा उत्तर प्रदेश की आनंदी बेन पटेल, गुजरात के आचार्य देववर्त, केरल के आरिफ मोहम्मद, हरियाणा के बंडारू दत्तात्रेय, महाराष्ट्र के रमेश बेस, मणिपुर के अंसुइया उइके, मेघालय के फागू चौहान का कार्यकाल आने वाले महीनों में खत्म होने जा रहा है। पंजाब के बनवारी लाल पुरोहित पहले ही इस्तीफा दे चुके हैं। इन राज्यपालों की जगह जल्द नई नियुक्तियां की जानी है। रेस में कई नाम बताए जा रहे है। जैसे उत्तर प्रदेश से मेनका गांधी, वी के सिंह, संतोष गंगवार जैसे नेताओं के नाम हैं तो दिल्ली से पूर्व स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन, बिहार से अश्वनी चौबे, राजस्थान से जाट या मीणा में से किसी एक जाति के नेता को मौका दिया जा सकता है।
Gautam Adani Birthday: 20 की उम्र में ऐसे बने करोड़पति, चौंका देंगे अडानी से जुड़े ये 5 Facts
बीजेपी में दावेदारों की बड़ी संख्या है लेकिन इस बार सहयोगियों से रिश्ता और मजबूत करने के लिए जेडीयू और टीडीपी में से भी एक दो नेताओं को राज्यपाल बनाया जा सकता है। जेडीयू से केसी त्यागी भी एक प्रबल दावेदार हो सकते हैं। प्रधानमंत्री मोदी तीसरी बार गठबंधन की ऐसी सरकार चला रहे हैं जिसमें सहयोगियों की अहम भूमिका है। सहयोगियों के भरोसे सरकार को बहुमत मिला है। अभी तक के उनके फैसलों से यह तो साफ हो गया है कि वह किसी के दबाव में नहीं है।
Greater Noida: सांतवें मंजिल से कुत्ते को फेंका नीचे? जांच में जुटी पुलिस
मंत्रिमंडल के गठन का मामला रहा हो या विभागों के बंटवारे का यही संदेश गया कि पीएम ने अपने हिसाब से ही विभाग बांटे हैं। सहयोगियों का कोई दबाव नहीं था। सहयोगियों के रुख से भी अभी तक गठबंधन मजबूत दिखाई दे रहा है। ऐसे में पीएम राज्यपालों की नियुक्ति में भी गठबंधन की एकता का संदेश दे सकते हैं। जुलाई से सितंबर के बीच ही सारी नियुक्तियां होनी है। अधिक संभावना यही है कि जुलाई में सभी नाम सामने आ जायेंगे।
West Bengal: इंजीनियरिंग छात्र का था आतंकवादी संगठन से ताल्लुक, पश्चिम बंगाल पुलिस ने किया गिरफ्तार
Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.