PM Modi: मोदी कैबिनेट की बुधवार को हुई मीटिंग में दो बड़े फैसले लिए गए. केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि छह लेन वाले नासिक-सोलापुर (अकलकोट) हाईवे कॉरिडोर को मंज़ूरी मिल गई है. इसका कंस्ट्रक्शन दो साल में पूरा हो जाएगा. इस 374 किलोमीटर लंबे प्रोजेक्ट पर ₹19,142 करोड़ खर्च होंगे.
केंद्रीय मंत्री ने बताया कि यह सूरत-चेन्नई हाई-स्पीड कॉरिडोर का हिस्सा है, जो पश्चिमी भारत को दक्षिण से जोड़ता है. यह नासिक, अहिल्यानगर, धारासिव और सोलापुर जिलों को जोड़ेगा. केंद्रीय मंत्री ने बताया कि इसमें 27 बड़े और 164 छोटे पुल शामिल होंगे. इससे नासिक और सोलापुर के बीच की दूरी 14% कम हो जाएगी, जिससे यात्रा का समय 432 किलोमीटर से घटकर सिर्फ़ 374 किलोमीटर रह जाएगा.
उन्होंने यह भी बताया कि सूरत और चेन्नई के बीच यात्रा का समय 45% कम हो जाएगा. दूसरा हाईवे प्रोजेक्ट ओडिशा में है. कोरापुट से मोहना हाईवे को चौड़ा और मज़बूत करने को मंज़ूरी मिल गई है. मौजूदा हाईवे को दो लेन का किया जाएगा. यह प्रोजेक्ट दो साल में पूरा होगा और इस पर ₹1,526 करोड़ खर्च होंगे.
वोडाफोन आइडिया को बड़ी राहत
केंद्र सरकार ने कर्ज में डूबी टेलीकॉम कंपनी वोडाफोन आइडिया को बड़ी राहत देते हुए उसके एडजस्टेड ग्रॉस रेवेन्यू (AGR) बकाए पर पांच साल की रोक लगा दी है. सूत्रों के हवाले से मिली रिपोर्ट के मुताबिक, यह फैसला 31 दिसंबर को हुई कैबिनेट मीटिंग में लिया गया, जिससे कंपनी को अगले कुछ सालों के लिए राहत मिली है.
सरकार के इस फैसले के तहत, वोडाफोन आइडिया का लगभग ₹87,695 करोड़ का AGR बकाया फ्रीज कर दिया गया है. इस रकम का पेमेंट अब फिस्कल ईयर 2032 और 2041 के बीच रीशेड्यूल किया जाएगा. कंपनी फिस्कल ईयर 2018 और 2019 से जुड़े AGR बकाए का पेमेंट अगले पांच सालों में करेगी. यह राहत ऐसे समय में मिली है जब कंपनी बार-बार चेतावनी दे रही है कि सरकारी मदद और फंडिंग के बिना उसका गुज़ारा करना मुश्किल हो सकता है.
AGR बकाए के लिए सरकार का फॉर्मूला
रिपोर्ट के मुताबिक, अभी फ्रीज किए गए AGR बकाए का ऑडिट रिपोर्ट के आधार पर डिपार्टमेंट ऑफ टेलीकम्युनिकेशंस (DoT) रिव्यू कर सकता है. इसका मतलब है कि ये आंकड़े भविष्य में बदल सकते हैं. हालांकि, अभी के लिए, इस फैसले से कंपनी पर तुरंत पेमेंट का दबाव कम होगा और कैश फ्लो को मैनेज करने में मदद मिलेगी.