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इंडिया न्यूज़, मध्य प्रदेश :
MP High Court Decision on Surya Namaskar मप्र हाई कोर्ट ने टिप्पणी कर सूर्य नमस्कार को एक योगिक प्रणाली घोषित किया है। कोर्टने इसे धार्मिक उपासना बताना गलत समझा और इसका संबंध स्वस्थ्य जीवन से बताया। लिहाजा, सूर्य नमस्कार से धार्मिक भावनाएं आहत होने का प्रश्न कैसे उठ सकता है। हाई कोर्ट ने जनहित याचिकाकर्ता से पूछा कि परिपत्र में कहां लिखा है कि सूर्य नमस्कार करने की बाध्यता है। इस पर जनहित याचिकाकर्ता ने कुछ दस्तावेज पेश करने की मोहलत मांगी। हाई कोर्ट ने आठ फरवरी तक सुनवाई बढ़ाते हुए अनुमति दे दी।
मुख्य न्यायाधीश ने इस टिप्पणी के साथ भोपाल के कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद की सूर्य नमस्कार को लेकर आपत्ति दर्ज कराने वाली जनहित याचिका पर सुनवाई आठ फरवरी तक के लिए बढ़ा दी। आपको बता दे इस याचिका के तहत सूर्य नमस्कार करना धर्म का पालन करना है। प्रारंभिक सुनवाई की दौरान जनहित याचिकाकर्ता की ओर से दलील दी गई कि सूर्य नमस्कार अनिवार्य किए जाने के आदेश से धर्म विशेष के लोगों की भावनाएं आहत होती हैं। इसलिए इसको लेकर कोई फैसला लिया जाये। (MP High Court Decision on Surya Namaskar)
जानकारी के अनुसार जनहित याचिकाकर्ता की ओर से दलील दी गई सूर्य नमस्कार सूर्य पूजा है और इस्लाम में यह मान्य नहीं है। संविधान इस बात की इजाजत नहीं देता कि किसी धर्म विशेष मान्यताएं या टीचिंग्स शासकीय शैक्षणिक संस्थाओं में दी जाएं। इसी आधार पर जनहित याचिका में मांग की गई कि सूर्य नमस्कार अनिवार्य की जगह स्वैच्छिक किया जाए। खेल व युवा कल्याण मंत्रालय से संबद्ध नेशनल योगासन स्पोर्ट्स फेडरेशन द्वारा युवाओं में स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता लाने सूर्य नमस्कार का अभियान चलाया जा रहा है।
जानकारी के लिए बता दे कि जनहित याचिका में कहा गया कि केंद्र व राज्य सरकार की अधिसूचना के अनुसार एक जनवरी से सात फरवरी तक आजादी के अमृत महोत्सव के तहत 75 करोड़ सूर्य नमस्कार प्रोजेक्ट चल रहा है। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने भी 29 दिसंबर, 2021 को अधिसूचना जारी कर सभी शैक्षणिक संस्थाओं में आयोजन की अनुमति दी है।
यह आयोजन 30 राज्यों की 30 हजार संस्थाओं में हो रहा है। इसमें लगभग तीन लाख विद्यार्थी शामिल हो रहे हैं। खेल व युवा कल्याण मंत्रालय से संबद्ध नेशनल योगासन स्पोर्ट्स फेडरेशन द्वारा युवाओं में स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता लाने सूर्य नमस्कार का अभियान चलाया जा रहा है। (MP High Court Decision on Surya Namaskar)
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