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MP Oath: सलाखों के पीछे हैं कुछ एमपी.., जानिए जेल में रहकर शपथ लेने के नियम

Shalu Mishra • LAST UPDATED : July 5, 2024, 11:02 am IST

India News(इंडिया न्यूज), MP Oath: लोकसभा 2024 के नतीजे हम सभी के सामने 4 जून को आ गए थे। आपको बता दें कि 26 जून को सभी सांसदों को प्रोटेम स्पीकर द्वारा शपथ दिलाई गई थी। लेकिन क्या आपने गौर किया कि कुछ सांसद तो लिहाजा जाकर संसद में शपथ ले रहे थे पर कुछ ऐसे सासंद भी हैं जिन्होंने काफी अच्छे मतों से जीत हासिल की है, शपथ नहीं ले सके क्योंकि वे जेल में है। क्या आप जानते हैं कि वो कौनसे सांसद हैं जो जेल में रहकर भी जीत हासिल कर चुके हैं? और अब वो अपना कार्य कैसे आगे बढ़ाएंगे? और कैसे शपथ लेंगे? आइए इस खबर में हम आपको बताते हैं पूरी जानकारी।

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ये सांसद जेल में रहकर भी जीते सीट  

सबसे पहले आपको बता दें कि इस समय कौन-कौन से सांसद जेल में हैं। दरअसल, हाल ही में हुए लोकसभा चुनाव में जेल में बंद दो लोगों ने चुनाव जीता है। इसमें एक नाम इंजीनियर शेख अब्दुल रशीद का है, जिन्होंने बारामुल्ला सीट से करीब 2 लाख वोटों से जीत हासिल की है। वह फिलहाल यूएपीए के तहत दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद हैं। वहीं, दूसरा नाम अलगाववादी नेता अमृतपाल सिंह का है और वह भी पंजाब के खडूर साहिब से करीब 1 लाख 97 हजार वोटों से जीते हैं। वह फिलहाल एनएसए के तहत असम की जेल में बंद हैं।

60 दिनों के अंदर होना पड़ता है पेश 

आपको बता दें कि हर चुने हुए सांसद को 60 दिनों के अंदर संसद में पेश होना होता है और अगर ऐसा नहीं होता है तो उसकी सीट खाली घोषित की जा सकती है। ऐसे में अगर कोई सांसद जेल में है तो उसे भी 60 दिनों के अंदर एक बार संसद जाना होगा। यह पहली बार नहीं है कि कोई सांसद जेल में है, ऐसा पहले भी हो चुका है। ऐसे में उसे एक बार जेल से संसद लाया जाता है और उसके बाद वह पद की शपथ लेता है। अगर पिछले चुनाव की बात करें तो यूपी की घोटी सीट से सांसद अतुल कुमार सिंह चुनाव के बाद 2020 में जेल में थे और उन्होंने जनवरी 2020 में शपथ ली थी।

ऐसे दिलाई जाती है शपथ 

इस स्थिति में सांसद को संसद में लाया जाना होता है और वहीं पर उन्हें शपथ दिलाई जाती है। उन्हें संसद में लाया जाता है और वहां की सुरक्षा उन्हें अंदर ले जाती है और फिर शपथ दिलाई जाती है। इसके बाद सांसद को फिर से जेल ले जाना होता है। हालांकि इसके लिए पहले कोर्ट से इजाजत लेनी होती है और कोर्ट के आदेश के बाद ही यह संभव है। शपथ लेना किसी भी सांसद का अधिकार है और इसके लिए कोर्ट अलग से व्यवस्था करता है।

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कोर्ट के आदेश पर चलते हैं सारे कार्य 

आपको बता दें कि कोर्ट सांसद को शपथ के लिए संसद ले जाने का आदेश देता है। इसके बाद उन्हें फिर से जेल जाना पड़ेगा, लेकिन वे कोर्ट के आदेश के बाद ही शपथ ले सकेंगे। सांसद पद की शपथ लेने के बाद अब सवाल यह है कि वे जेल से कैसे काम करेंगे। दरअसल, जब कोई सांसद जेल में होता है तो वह अपने सांसद प्रतिनिधि को नियुक्त करता है और क्षेत्र में काम करता है। यह काम तब तक जारी रह सकता है जब तक कोर्ट उसे दोषी न पाए और कोई सजा न सुना दे। अगर कोर्ट किसी सांसद को दोषी पाता है और उसे दो साल की सजा सुनाता है तो उसकी सदस्यता रद्द हो जाएगी। इसके बाद इस सीट पर उपचुनाव होगा।

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