होम / सरसों और गेहूं सहित छह रबी की फसलों का बढ़ा एमएसपी

सरसों और गेहूं सहित छह रबी की फसलों का बढ़ा एमएसपी

Vir Singh • LAST UPDATED : September 8, 2021, 11:00 am IST

40 रुपए प्रति क्विंटल बढ़ी गेहूं की MSP

इंडिया न्यूज, नई दिल्ली :

MINIMUM SUPPORT PRICE : केंद्र सरकार ने बुधवार को किसानों के लिए बड़ा ऐलान किया। इसके मुताबिक मौजूदा फसल वर्ष के लिए सरसों और गेहूं समेत छह रबी की फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) में इजाफा होगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता मे हुई कैबिनेट कमेटी आॅन इकोनॉमिक अफेयर्स (सीसीईए) की बैठक में यह फैसला लिया गया। आधिकारी रूप से दी गई जानकारी में कहा गया है कि सीसीईए ने 2021-22 फसल वर्ष और 2022-23 मार्केटिंग सीजन के लिए छह रबी फसलों की एमएसपी बढ़ाई है। इसके अनुसार गेहंू की एमएसपी 40 रुपए प्रति क्विंटल बढ़ाई गई है। गेहंू की एमएसपी में इजाफे के बाद 2,015 रुपए प्रति क्विंटल की न्यूनतम कीमत पर गेहूं की खरीद होगी। इसके अलावा सरसों की एमएसपी 400 रुपए प्रति क्विंटल बढ़ाकर 5,050 रुपए कर दी गई है। जौ की एमएसपी 35 रुपए बढ़ाकर 1635 रुपए प्रति क्विंटल कर दी गई है। चने की कीमत 130 रुपए बढ़ाकर 5,230 रुपए प्रति क्विंटल कर दी गई है। मसूर की एमएसपी 400 रुपए बढ़ाने के बाद 5,500 रुपए प्रति क्विंटल हो गई है। कुसुम की एमएसपी 114 रुपए बढ़ाकर 5,441 रुपए प्रति क्विंटल करने का फैसला लिया गया है। इन दिनों सरकार खरीफ और रबी के सीजन की 23 फसलों के लिए एमएसपी तय करती है। रबी की फसलों की बुआई अक्टूबर में खरीफ फसल की कटाई के तुरंत बाद होती है। गेहूं और सरसों रबी सीजन के दो मुख्य फसल हैं। गौरतलब है कि पिछले सीजन में 1,975 रुपए थी। प्रति क्विंटल गेहूं की अनुमानित लागत 1008 रुपए प्रति क्विंटल है। सरकार ने 2021-22 खरीद सीजन में रिकॉर्ड 4.3 करोड़ टन गेहूं की खरीद की थी।

किसान आंदोलन के बीच फैसला

मोदी सरकार ने एमएसपी में इजाफे का फैसला ऐसे समय पर लिया है जब एक बार फिर किसानों ने नए कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन को तेज कर दिया है। हाल ही में किसान संगठनों ने उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में महापंचायत की है। कुछ ही महीनों बाद यूपी, पंजाब सहित 5 राज्यों में चुनाव होने जा रहे हैं। माना जा रहा है कि यूपी और पंजाब में बीजेपी को किसानों की नाराजगी का भी सामना करना पड़ सकता है।

क्या है न्यूनतम समर्थन मूल्य

न्यूनतम समर्थन मूल्य के तहत सरकार किसानों द्वारा बेचे जाने वाले अनाज की पूरी मात्रा खरीदने के लिए तैयार रहती है। जब बाजार में कृषि उत्पादों का मूल्य गिर रहा होता है, तब सरकार किसानों से न्यूनतम समर्थन मूल्य पर कृषि उत्पाद खरीदकर उनके हितों की रक्षा करती है। सरकार द्वारा न्यूनतम समर्थन मूल्य की घोषणा फसल बोने से पहले ही कर दी जाती है।

Get Current Updates on News India, India News, News India sports, News India Health along with News India Entertainment, India Lok Sabha Election and Headlines from India and around the world.

ADVERTISEMENT

लेटेस्ट खबरें

ADVERTISEMENT