संबंधित खबरें
बुराड़ी इलाके में अचानक गिरा मकान, मलबे में दबे कई लोग, रेस्क्यू ऑपरेशन जारी
सॉरी पापा वह चाहती है कि मैं मर जाऊं…, पत्नी की टॉरचर से तंग आकर पति ने किया आत्महत्या,सुसाइड नोट देख फट जाएगा कलेजा
वॉक-इन इंटरव्यू के लिए कई किलो मीटर तक लाइन में लगे 3,000 इंजीनियर, वायरल हुआ वीडियो, लोगों ने कहा-नौकरी का बाजार बेरहम
भारत के इस गांव में जहरीले सांपों के साथ रहते हैं लोग, होता से मौत से खिलवाड़, फिर भी अपने बच्चों की तरह रखते हैं खयाल
'सनातन' टिप्पणी मामले में उदयनिधि स्टालिन को सुप्रीम कोर्ट से राहत
'गंगा में डुबकी लगाने से नहीं खत्म होगी गरीबी', मल्लिकार्जुन खरगे के बिगड़े बोल, इन लोगों को बता डाला 'देशद्रोही'
राजा भारमल के भाई को मुगल गवर्नर मिर्जा शराफुद्दीन हुसैन का समर्थन मिल रहा था।
इरा मुखोटी, जिन्होंने अकबर की एक और जीवनी ‘अकबर द ग्रेट मुगल: द डेफिनिटिव बायोग्राफी’ लिखी है, लिखती हैं, “राजा भारमल एक अच्छे रणनीतिकार थे। उन्होंने अपने भाई पर काबू पाने के लिए अकबर की मदद मांगी और अपनी बेटी हरखा की शादी का प्रस्ताव रखा।
मान बाई आमेर की राजकुमारी थीं, वे जनरल मान सिंह की बहन थीं, जो मुगल सम्राट अकबर के नौ रत्नों में से एक थे। इतिहासकारों के अनुसार अकबर जहांगीर की बुरी आदतों से वाकिफ था। इसीलिए उसने जहांगीर से शादी करने का फैसला किया। इसके लिए अकबर ने मान सिंह के सामने मान बाई को जहांगीर की बेगम बनाने का प्रस्ताव रखा। जिसे मान सिंह ने खुशी-खुशी स्वीकार कर लिया। इतिहासकारों के अनुसार मान बाई की शादी बहुत कम उम्र में ही जहांगीर से कर दी गई थी। शादी के बाद ही मान बाई को शाह बेगम की उपाधि मिली थी। यह इतनी बहादुर थीं कि इन्हें ‘द रॉयल लेडी’ भी कहा जाता था। मानबाई का नाम बदलकर शाह बेगम रख दिया गया था।
Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.