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Mukesh Ambani succession plan: दो भाईयों का झगड़ा, सबक बनेगा नई पीढ़ी को कमान सौंपने का आधार

Suman Tiwari • LAST UPDATED : January 10, 2022, 3:35 pm IST

इंडिया न्यूज, नई दिल्ली:
Mukesh Ambani succession plan: रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी भारत के सबसे अमीर आदमी हैं। हाल ही में मुकेश अंबानी ने अपने कारोबार समूह में नेतृत्व बदलाव का जिक्र करते हुए कहा कि वह वरिष्ठ सहयोगियों के साथ मिलकर युवा पीढ़ी को बागडोर सौंपने की प्रक्रिया में तेजी लाना चाहते हैं। वे चाहते हैं कि पिता धीरूभाई अंबानी के निधन के बाद भाई अनिल अंबानी से हिस्सेदारी के बंटवारे को लेकर जो विवाद हुआ था, वैसा उनके बेटों और बेटी के बीच न हो। ऐसे में आपके मन में कई तरह के सवाल आ रहे होंगे कि रिलायंस का देश-दुनिया में कितना बड़ा कारोबार है? ये कारोबार किन-किन सेक्टर्स में फैला हैं आदि-आदि।

मिलिए अंबानी परिवार से

(Reliance Industries) रिलायंस इंडस्ट्रीज की नींव धीरूभाई अंबानी ने रखी थी। उनका जन्म 28 दिसंबर 1933 को सौराष्ट्र के जूनागढ़ जिले में हुआ था। धीरूभाई का पूरा नाम धीरजलाल हीराचंद अंबानी है। उन्होंने जब बिजनेस में कदम रखा तो न उनके पास पुश्तैनी संपत्ति थी और न बैंक बैलेंस। धीरूभाई की 1955 में कोकिलाबेन से शादी हुई थी। उनके दो बेटे मुकेश-अनिल और दो बेटी दीप्ती और नीना हैं। छह जुलाई 2002 को धीरूभाई के निधन के बाद उनकी संपत्ति के बंटवारे में उनकी पत्नी कोकिलाबेन ने ही मुख्य भूमिका अदा की थी।

रिलायंस का साम्राज्य?

  • रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड एक फॉर्च्यून 500 कंपनी है और भारत में सबसे बड़ा प्राइवेट सेक्टर कॉपोर्रेशन। टेक्सटाइल और पॉलिएस्टर से शुरू हुआ कंपनी का सफर आज एनर्जी, मटेरियल, रिटेल, एंटरटेनमेंट और डिजिटल सर्विस में फैल गया है। रिलायंस के पास सिंगल लोकेशन पर दुनिया की सबसे बड़ी रिफायनरी है।
  • रिलायंस का साम्राज्य आज 217 अरब डॉलर, यानी करीब 16 लाख करोड़ रुपए का है। ये न्यूजीलैंड, ईरान, पेरू, ग्रीस, कजाकिस्तान जैसे देशों की जीडीपी से ज्यादा है। रिलायंस प्राइवेट सेक्टर में कस्टम और एक्साइज ड्यूटी का सबसे बड़ा पेयर है। रिलायंस के कोई न कोई प्रोडक्ट या सर्विस का इस्तेमाल लगभग हर भारतीय करता है।

क्या था दोनों भाईयों में खींचतान का कारण?

  • मुकेश अंबानी 1981 और अनिल अंबानी 1983 में रिलायंस से जुड़े थे। जुलाई 2002 में धीरूभाई अंबानी का निधन हो गया। वो वसीयत लिख कर नहीं गए थे। मुकेश अंबानी रिलायंस ग्रुप के चेयरमैन और अनिल अंबानी मैनेजिंग डायरेक्टर बने।
  • नवंबर 2004 में पहली बार दोनों भाई मुकेश अंबानी और अनिल अंबानी का झगड़ा सामने आया था। परिवार में चल रहे इस विवाद से धीरूभाई अंबानी की पत्नी कोकिलाबेन परेशान थीं, जिसके बाद बिजनेस का बंटवारा किया गया था। ये बंटवारा जून 2005 में हुआ था, लेकिन किस भाई को कौन सी कंपनी मिलेगी इसका फैसला 2006 तक चला। इस बंटवारे में आईसीआईसीआई बैंक के तत्कालीन चेयरमैन वीके कामत को भी हस्तक्षेप करना पड़ा था।
  • बंटवारे के बाद मुकेश अंबानी के हिस्से में पैट्रोकैमिकल्स के कारोबार, रिलायंस इंडस्ट्रीज, इंडियन पेट्रोल कैमिकल्स कॉर्प लिमिटेड, रिलायंस पेट्रोलियम, रिलायंस इंडस्ट्रियल इन्फ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड जैसी कंपनियां आईं।
  • छोटे भाई अनिल के पास आरकॉम, रिलायंस कैपिटल, रिलायंस एनर्जी, रिलायंस नेचुरल रिसोर्सेज जैसी कंपनियां थीं। तब से मुकेश अंबानी नई ऊंचाइयों को छू रहे हैं, लेकिन अनिल की गलतियों ने उनके बिजनेस को डुबो दिया।

मुकेश अंबानी के बच्चे

Akash Amban: 2014 में ब्राउन यूनिवर्सिटी से इकोनॉमिक्स की डिग्री ली। इसके बाद उन्होंने फैमिली बिजनेस जॉइन किया। जियो प्लेटफॉर्म्स, जियो लिमिटेड, सावन मीडिया, जियो इन्फोकॉम, रिलायंस रिटेल वेंचर्स के बोर्ड में शामिल हैं। 2019 में श्लोका मेहता से शादी की।

Isha Ambani: येल और स्टेनफोर्ड से पढ़ाई की। 2015 में फैमिली बिजनेस जॉइन किया। जियो प्लेटफॉर्म्स, जियो लिमिटेड, रिलायंस रिटेल वेंचर्स के बोर्ड में शामिल हैं। ईशा की शादी दिसंबर 2018 में कारोबारी अजय पीरामल के बेटे आनंद पीरामल से हुई।

Anant Ambani: अमेरिका की ब्राउन यूनिवर्सिटी से पढ़ाई की। रिलायंस न्यू एनर्जी, रिलायंस न्यू सोलर एनर्जी, रिलायंस ओ 2 सी, जियो प्लेटफॉर्म्स के बोर्ड में शामिल हैं।

मुकेश अंबानी किस मॉडल पर कर सकते हैं बंटवारा? (Mukesh Ambani succession plan)

  • ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के मुताबिक मुकेश अंबानी अपनी संपत्ति के बंटवारे के लिए वॉलमार्ट इंक. के वॉल्टन परिवार जैसा तरीका अपना सकते हैं। इस मॉडल के तहत बिजनेस पर फैमिली के कंट्रोल को बरकरार रखने में मदद मिलेगी। अंबानी फैमिली होल्डिंग्स को ट्रस्ट-जैसे स्ट्रक्चर में शिफ्ट कर सकते हैं।
  • ट्रस्ट रिलायंस इंडस्ट्रीज को पूरी तरह से कंट्रोल करेगा और नई कंपनी में पत्नी नीता अंबानी और उनके तीन बच्चों, जुड़वां आकाश (30) और ईशा (30), और अनंत (26) सहित परिवार के सभी सदस्य हो सकते हैं। पूरा परिवार संयुक्त रूप से पूरे साम्राज्य को देखेगा। यह मौजूदा आॅयल और पेट्रोकेमिकल, टेलीकॉम व रिटेल बिजनेस को डिवाइड करने का बेहतर विकल्प हो सकता है।
  • सैनफोर्ड सी. बर्नस्टेन के एनालिस्ट नील बेवेरिज कहते हैं कि यदि रिलायंस ऐसा कर पाई तो वैल्यू क्रिएशन व कमाई की ज्यादा संभावनाएं होंगी। जिस प्रकार आॅयल रिफाइनरियों की कमाई ने रिलायंस को देश की अग्रणी टेलीकॉम कंपनी बनाने में मदद की है उसी प्रकार अगली पीढ़ी के लिए अगले दशकों में ये काम ग्रीन एनर्जी, रिटेल और डिजिटल बिजनेस करेंगे।
  • कंपनी की फाइलिंग के अनुसार, रिलायंस इंडस्ट्रीज में अंबानी परिवार की मौजूदा हिस्सेदारी मार्च 2019 में 47.27 फीसदी से बढ़कर 50.6 फीसदी हो गई है। रिलायंस का मार्केट कैपिटलाइजेशन 217 अरब डॉलर यानी करीब 16 लाख करोड़ रुपए का है। फोर्ब्स के अनुसार मुकेश अंबानी की नेटवर्थ 93.2 बिलियन डॉलर, यानी करीब 6.9 लाख करोड़ रुपए है।

बंटवारे को लेकर मुकेश अंबानी ने क्या कहा? (Mukesh Ambani succession plan)

  • 28 दिसंबर को धीरूभाई अंबानी का जन्मदिन था। इस मौके पर मुकेश अंबानी ने कहा था, ‘युवा पीढ़ी अब लीडरशिप की भूमिका निभाने के लिए तैयार है। अब मैं उत्तराधिकार की प्रक्रिया को तेज करना चाहता हूं। हमें नई पीढ़ी का मार्गदर्शन करना चाहिए। उन्हें सक्षम बनाना चाहिए। उन्हें प्रोत्साहित करना चाहिए और बैठकर तालियां बजानी चाहिए।’
  • मुकेश अंबानी ने कहा था, ‘मैं हर दिन रिलायंस के लिए बच्चों के जुनून, कमिटमेंट और समर्पण को देख और महसूस कर सकता हूं। मैं उनमें वही आग और काबिलियत देखता हूं, जो मेरे पिता के पास लाखों लोगों के जीवन में बदलाव लाने और भारत के विकास में योगदान देने के लिए थी। समय आ गया है कि इस बड़े अवसर का लाभ उठाकर रिलायंस के भविष्य के विकास की नींव रखी जाए।’
  • उन्होंने कहा था, ‘रिलायंस एक कपड़ा कंपनी के रूप में शुरू हुई थी। अब कई बिजनेसेस में शामिल हैं। इसकी आॅयल टु केमिकल वाली कंपनी अब रिटेल, टेलिकॉम, ई-कॉमर्स जैसे सेक्टर में नंबर वन है। हमने अपने एनर्जी बिजनेस को भी पूरी तरह से नया रूप दिया, अब रिलायंस क्लीन एंड ग्रीन एनर्जी और मटेरियल्स में ग्लोबल लीडर बनने की ओर अग्रसर है।’

रिलायंस का भविष्य और चुनौतियां

गूगल के साथ पार्टनरशिप कर चुका रिलायंस का जियो प्लेटफार्म लिमिटेड मजबूत स्थिति में है। हालांकि रिटेल में रिलायंस की राह आसान नहीं है। रिलायंस के रिटेल बिजनेस को मुख्य रूप से अमेजन से टक्कर मिल रही है। फ्यूचर ग्रुप के अधिग्रहण का मामला अटक गया है। वहीं न्यू एनर्जी में उन्हें गौतम अडाणी से मुकाबला करना होगा। अडाणी 2030 तक दुनिया के सबसे बड़े रिन्यूएबल एनर्जी प्रोड्यूसर बनना चाहते हैं। अंबानी ने अगले तीन वर्षों में इस क्षेत्र में 74.3 हजार करोड़ निवेश की योजना बनाई है और कई अधिग्रहण करके अपने इरादे भी जाहिर कर दिए हैं।

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