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(इंडिया न्यूज़, Mulayam’s journey that started from Saifai will end in Saifai): आज सुबह उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह यादव आज का निधन हो गया। कहते है जिनके इरादे अटल होते है वह चट्टानों से टकराने से भी पीछे नहीं हटते। ऐसी हस्ती थी मुलायम सिंह यादव की। सैफई से शुरू हुआ सफर अब सैफई में ही ख़त्म होगा। आपको बता दें,कल मंगलवार दोपहर तीन बजे उनका अंतिम संस्कार सैफई में होगा।
सैफई में मौजूद है कई सुविधाएँ
मुलायम सिंह यादव ने इटावा जिले को विकास के मानचित्र पर लाने में भी कोई कसर नहीं छोड़ी। पिछड़े गांव सैफई में सैकड़ों बीघा बंजर जमीन में हवाई पट्टी का निर्माण कराया। इस हवाई पट्टी से जहां एक ओर जिले में हवाई यात्रा सुलभ हुई वहीं हजारों किसानों की बंजर जमीन का लाखों रुपए मुआवजा देकर उनको भी आर्थिक रूप से मजबूत किया। सैफई में ही अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम का निर्माण कराया और यहीं पर मेडिकल कालेज की स्थापना की। ग्रामीण आयुर्विज्ञान संस्थान के नाम से मेडिकल कालेज की नींव रखने वाले मुलायम सिंह यादव ने अखिलेश सरकार में इस कॉलेज को मेडिकल युनिवर्सिटी बनवाया। सैफई में बनी प्रदेश की इकलौती मेडिकल युनिवर्सिटी में आज वह सभी सुविधाएं हैं ,जो दिल्ली, लखनऊ, मुंबई जैसे मैट्रो सिटी में होतीं हैं।
एक समय था जब देश के बड़े बड़े शहरों से लोग दो पहिया वाहन हो चाहे लग्जरी कारें, सभी प्रकार के वाहन खरीदने वाले हजारों लोग सैफई में आने लगे थे। सैफई में होने वाले महोत्सव के दिनों में प्रदेश सरकार की ओर से वाहनों पर सेल्ट टैक्स में छूट दी जाती थी।
सैफई महोत्सव
मुलायम सिंह यादव ने 1996 में सैफई महोत्सव का आयोजन कराया। पहला सैफई महोत्सव तीन दिन का हुआ, लेकिन इसके बाद इसका स्वरूप बढ़ता चला। हर साल दिसंबर-जनवरी में होने वाले 15 दिन के सैफई महोत्सव में अंतरराष्ट्रीय स्तर के खेलकूद के साथ ही फिल्मी तड़का भी लगता रहा। यहां फिल्मी दुनिया के बड़े से बड़े कलाकार आए और लोगों का मनोरंजन किया.
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